UP Election 2022 : सातवें चरण की 10 हाट सीट, योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों से लेकर बाहुबली धनंजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए सात चरणों में होने वाले चुनाव के अंतिम चरण में भी योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों सहित बाहुबली धनंजय सिंह, विजय मिश्र से लेकर मुख्तार अंसारी के बेटे तक की प्रतिष्ठा दांव पर है। अंतिम चरण यानी सात मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल के नौ जिलों की 54 सीटों पर चुनाव होगा।
इनमें वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, भदोही और आजमगढ़ जिले शामिल हैं। हम आपको सातवें चरण की उन दस हाट सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां यूपी सरकार के मंत्रियों संग बाहुबली प्रत्याशी भी दमखम दिखाने के लिए मैदान में हैं।
गाजीपुर की जहूराबाद सीट :
जहूराबाद सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर विधानसभा चुनाव मैदान में चुनावी ताल ठोक रहे हैं। भाजपा ने ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ कालीचरन राजभर को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश को टिकट दिया है। 2017 में यहां से ओम प्रकाश राजभर ने जीत हासिल की थी। 2017 में वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। इस बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठबंधन सपा के साथ है।
मऊ विधानसभा सीट :
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मऊ सीट हर बार चर्चा में रहती है। मऊ विधानसभा क्षेत्र मुख्तार अंसारी के नाम से जाना जाता है। मऊ सीट से इस बार बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को समाजवादी गठबंधन ने टिकट दिया है। अब्बास सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब्बास के खिलाफ भाजपा ने अशोक कुमार सिंह और बसपा ने भीम राजभर को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने माध्वेंद्र बहादुर सिंह को टिकट दिया है।
आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट :
यूपी चुनाव में मुबारकपुर सीट भी चर्चा में है। यहां से एआईएमआईएम ने मौजूदा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। शाह आलम ने 2017 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। इस बार बसपा ने शाह आलम की जगह अब्दुल सलाम को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने परवीन बानो और भाजपा ने अरविंद जायसवाल को टिकट दिया है। बता दें कि आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से चुनाव लड़ रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली नौ जिलों में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। इनके पास 168.48 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट :
मल्हनी विधानसभा सीट भी इस बार चर्चा में है। यहां से जदयू के टिकट पर बाहुबली धनंजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। धनंजय के खिलाफ भाजपा ने कृष्ण प्रताप सिंह और सपा ने लकी यादव को मैदान में उतारा है। बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को टिकट दिया है। यहां भी लड़ाई बेहद दिलचस्प है।
मऊ की घोसी सीट:
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन छोड़ सपा का दामन थाम लिया था और अब वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ की घोसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। दारा सिंह चौहान के खिलाफ भाजपा ने विजय राजभर को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने वसीम इकबाल और कांग्रेस ने प्रियंका यादव को उम्मीदवार बनाया है। 2017 में इस सीट से भाजपा के फागू चौहान जीते थे। 2019 में हुए उप-चुनाव में इस सीट से भाजपा के विजय राजभर जीते थे।
भदोही की ज्ञानपुर सीट :
भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर विजय मिश्र पांचवी बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से ताल ठोंक रहे हैं। वह इन दिनों आगरा जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या का प्रयास आदि हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में सपा से टिकट कटने के बाद निषाद पार्टी से लड़े थे। करीब 22 हजार मतों से जीत दर्ज की थी।
इसके पहले वह 2002 से तीन बार सपा से ही विधायक थे। इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जेल से ही उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नामांकन किया है। जेल में रहने के कारण उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र व अधिवक्ता बेटी रीमा पांडेय चुनाव प्रचार कर रही हैं।
आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट :
फूलपुर पवई विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रमाकांत यादव को टिकट दिया है। भाजपा ने इस सीट से रामसूरत राजभर को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में इस सीट से भाजपा के अरुणकांत यादव ने जीत हासिल की थी। अरुणकांत रमाकांत यादव के बेटे हैं। रमाकांत को सपा से टिकट मिलने के बाद भाजपा ने अरुणकांत का टिकट काट दिया था।
गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट :
यूपी चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट भी काफी चर्चा में हैं। इस सीट से विधायक रहे बाहुबली कृष्णानंद राय की पत्नी और मौजूदा विधायक अलका राय भाजपा प्रत्याशी हैं। अलका के खिलाफ सपा गठबंधन ने सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी को टिकट दिया है। मन्नु मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं।
सपा ने पहले सिबगतुल्लाह अंसारी को ही टिकट दिया था, लेकिन नामांकन से ठीक पहले टिकट बदलकर मन्नु को दे दिया। बसपा ने मध्वेंद्र राय और कांग्रेस ने अरविंद किशोर राय को टिकट दिया है। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से अलका राय ने सिबगतुल्लाह अंसारी को हराया था।
वाराणसी की शिवपुर सीट :
शिवपुर से उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर मैदान में हैं। अनिल के खिलाफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर सपा-सुभासपा के गठबंधन पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से बसपा ने रवि मौर्य और कांग्रेस ने गिरीश पांडेय को टिकट दिया है। यहां भाजपा, सपा और बसपा के बीच कांटे की टक्कर है।
वाराणसी की पिंडरा सीट :
पिंडरा से इस बार कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है। अजय की गिनती उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। अजय के खिलाफ भाजपा ने अपने पुराने विधायक अवधेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। सपा गठबंधन से राजेश सिंह और बसपा से बाबूलाल पटेल को प्रत्याशी हैं। बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।