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UP Budget Session: पहले दिन विधानसभा में जमकर हंगामा, कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हुआ. इस सत्र में विपक्ष ने बीजेपी सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर घेरा. इसी शोरगुल के बीच आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया. उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया.

विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां और बैनर थामे हुए थे, जिन पर पुरानी पेंशन की बहाली, कानून-व्यवस्था व छुट्टा पशुओं की समस्या समेत विभिन्न मुद्दों का जिक्र था. फिलहाल, विधानसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.

बजट सत्र के पहले ही दिन विधानसभा के मंडप में समवेत सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण शुरू होते ही हंगामा होने लगा. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य हाथों में सरकार के विरोध में नारे लिखकर हंगामा करने लगे.

इस दौरान भी राज्यपाल ने अपना भाषण जारी रखा है. नेता विरोधी दल अखिलेश यादव भी खड़े होकर अपनी पार्टी के विधायकों का हंगामा देख रहे थे. सदन में समाजवादी पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के विधायक भी काफी हंगामा कर रहे हैं.

दरअसल, 18वीं विधानसभा के पहले सत्र में रंग-बिरंगा नजारा देखने को मिला. सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के ही सदस्य अपनी-अपनी पार्टियों के ध्वज के रंग की टोपियां और अंग वस्त्र पहने नजर आए. इस बीच सपा और आरएलडी के विधायकों ने जमकर हंगामा काटा. पोस्टर और बैनर लेकर विधायकों ने बीजेपी सरकार का विरोध किया.

वहीं 26 मई को पेश होने वाले अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर सीएम योगी ने कहा, ’25 करोड़ लोगों के विकास के लिए, नागरिकों के उत्थान के लिए, सबका साथ-सबका विकास के लिए, ये बजट महत्वपूर्ण है.’

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘यूपी के विकास को नई ऊंचाई पर ले जाना ही हमारा उद्देश्य है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि कोई ऐसा आचरण जो माननीय सदस्यों के विरुद्ध होगा, वो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ समग्र विकास: सीएम योगी

सीएम योगी ने सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोक कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, गरीब कल्याण और उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए हमने जो कार्य किए हैं, उन सब पर चर्चा और भावी योजनाओं पर भी चर्चा का सदन मंच होता है और राज्यपाल का अभिभाषण उसी प्रति ध्वनि को प्रदर्शित करने का भी एक माध्यम होता है, जिसमें खुली चर्चा होती है.

सदस्य शोरगुल छोड़कर चर्चा में भाग लेंगे, तो बहुत सारी चीजें सामने आएंगी और उसका लाभ प्रदेश वासियों को मिलेगा.

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