UP Asembly Election 2022: चुनाव के अनोखे रंग, कहीं पति-पत्नी आमने-सामने तो कहीं पिता पुत्र ठोंक रहे ताल
Lucknow । चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वी से मुकाबले को एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं लेकिन, नाम वापसी के बाद जो तस्वीर सामने आई है उससे मुकाबला और रोचक हो गया है। प्रमुख प्रत्याशियों की पत्नियां भी पति के सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
विधायक योगेश धामा बागपत सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनकी पत्नी रेनू धामा ने निर्दलीय नामांकन किया था। तब हर कोई यह मान रहा था कि जांच में विधायक योगेश धामा का नामांकन वैध घोषित होने के बाद उनकी पत्नी रेनू धामा नामांकन वापस लेकर चुनाव मैदान से हट जाएंगी। गुरुवार को नामांकन वापसी के दिन रेनू ने नामांकन वापस नहीं लिया। चुनाव अधिकारी ने उन्हें चुनाव चिन्ह केतली आवंटित किया है। अब पति-पत्नी आमने सामने होंगे। हालांकि रेनू लगातार अपने पति योगेश धामा के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं, जिसके वीडियो व फोटो भी वायरल हो रहे हैं। रेनू दो बार बागपत की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
वहीं बड़ौत सीट से रालोद-सपा गठबंधन के उम्मीदवार जयवीर सिंह एडवोकेट हैं, लेकिन उनकी पत्नी रेनूबाला निर्दलीय उम्मीदवार हैं। नामांकन वापस नहीं लेने पर रेनू को चुनाव अधिकारी ने चुनाव चिन्ह मोतियों का हार आवंटित किया है। वह अब पति के सामने मैदान में हैं। हालांकि वह भी पति के समर्थन में प्रचार कर रहीं है।
बागपत सीट से बसपा प्रत्याशी अरुण कसाना हैं। उनके पुत्र विनय कसाना भी निर्दलीय उम्मीदवार है। विनय कसाना का चुनाव चिन्ह दूरबीन है।