लखनऊ, उत्तर प्रदेश के बड़े माफिया मुख्तार अंसारी के साथ परिवार के लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसा है। गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर को रद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गुहार लगाने वाली मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां को राहत नहीं मिली है।
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के साथ ही विधायक बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज करने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनको भगोड़ा घोषित किया है। दोनों ने एफआइआर रद कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट से मामला खारिज होने के बाद अफशां अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट में अफशां अंसारी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपी में गैंगस्टर एक्ट के लिए कोई अग्रिम जमानत नहीं है। प्रदेश में इस समय सब गैंगस्टर के तौर पर जेल में रखे जा रहे हैं। उनके लिए कोई अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है। यह बहुत दुख की बात है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने इस मामले सुनवाई की थी।
बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अफशां के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले को रद करने के लिए दोबारा से इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफशां अंसारी हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती हैं। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की थी।
बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के खिलाफ मऊ के दक्षिणी टोला थाने में 31 जनवरी 2022 को गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अफशां ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट से आफशां अंसारी को राहत नहीं मिली थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी के साथ उसकी पत्नी अफशां अंसारी पर भी गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। इसी के साथ दोनों को भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने हाल ही में विधायक बने अब्बास अंसारी और उनकी मां अफशां अंसारी को गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर दबिश दी, लेकिन दोनों का पता नहीं चल रहा है। अब्बास और अफशां अंसारी को कई बार अदालत ने तलब किया था, लेकिन दोनों ही उपस्थित नहीं हुए. इसलिए उन्हें पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया गया है।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि कई प्रदेशों में 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं। उन्हें रंगदारी के आरोप में रोपड़, गाजीपुर, मऊ, आगरा और लखनऊ की विभिन्न जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इससे पहले मुख्तार अंसारी के एक मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि अगर मुख्तार अंसारी जैसे लोग देश में लॉ मेकर की भूमिका निभा रहे हैं, तो यह भारत के लोकतंत्र पर किसी धब्बे से कम नहीं है। कोर्ट का साफ कहना था कि अगर मुख्तार जेल से बाहर आया, तो वह गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है।