5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान आज, दोपहर साढ़े 3 बजे EC की प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान आज हो जाएगा। चुनाव आयोग आज दोपहर साढ़े 3 बजे इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। सूत्रों के मुताबिक, यूपी में 6 से 7 चरणों में चुनाव कराया जा सकता है।
बता दें कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य अधिकारियों संग कई दौर की वार्ताएं की हैं और साथ ही सभी चुनावी राज्यों में कोविड-19 की स्थिति का जायजा भी लिया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कुछ नए नियमों की भी घोषणा हो सकती है।
गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले कुछ महीनों के अंदर ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इस साल के आखिर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी विधानसभा होने हैं।
आगामी चुनाव यूपी में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और पंजाब में कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और गोवा में टीएमसी के साथ ही आम आदमी पार्टी के लिए भी बहुत मायने रखते हैं। देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं।
इतना ही नहीं इस राज्य में जिस पार्टी की सरकार बन जाए, उसका केंद्र में आने का रास्ता भी लगभग साफ हो जाता है। वहीं, गोवा का विधानसभा चुनाव मुख्यतौर पर बीजेपी-कांग्रेस और आप-टीएमसी के बीच माना जा रहा है। उत्तराखंड में मौजूदा बीजेपी सरकार के सामने लगातार दो मुख्यमंत्री बदलने के बाद कई चुनौतियां हैं और वहीं मणिपुर में कांग्रेस बीजेपी से सत्ता लेने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है।
Election Commission of India to announce the schedule for Assembly elections to Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand and Uttar Pradesh at 3.30pm today pic.twitter.com/FxHRHTmHFj
— ANI (@ANI) January 8, 2022
चुनावों का ऐलान ऐसे समय में हो रहा है जब देश में हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ केस सामने आ रहे हैं। शनिवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में देश के अंदर कोरोना वायरस के कुल 1 लाख 41 हजार नए केस आए हैं, जो बीते दिन की तुलना में 21 फीसदी ज्यादा है। बता दें कि बीते महीने इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से चुनाव टालने के लिए कहा था। हालांकि, चुनाव आयोग ने बाद में कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां चाहती हैं कि चुनाव समय पर हों।