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सात समंदर पार से पीलीभीत पहुंचे विदेशी मेहमान,

 

रिपोर्ट: मीनू बरकाती

पूरनपुर पीलीभीत।गुलाबी ठंड शुरू होते ही शारदा सागर डैम साइबेरियन पक्षियो से गुलजार होने लगा हैं।इन दिनों शारदा सागर डैम विदेशी मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंजने लगा है। रंग-बिरंगे खूबसूरत विदेशी पक्षियों को देखने के लिए यहां पर्यटकों का भी जमावड़ा लगने लगा है।नवम्बर माह से विभिन्न देशों से प्रवासी पक्षी यहां आना शुरू कर देते हैं और बसन्त के आगमन के साथ मार्च माह में अपने गंतव्य स्थान पर वापस लौट जाते हैं।विदेशों से आये मेहमान पक्षी समूह ने जलाशयों के अतिरिक्त छोटे-बड़े तालाबों में जलक्रीड़ा कर पर्यटकों को लुभाना शुरू कर दिया है।ठंड की दस्तक के साथ ही साइबेरिया में जबरदस्त बर्फबारी होने और बर्फ के जमने के कारण वहां पक्षियों को भोजन पदार्थ का अकाल पडऩे लगता है।आहार की खोज में यह पक्षी अपने देश से यहां आते हैं।हर साल भारत में विभिन्न प्रजाति के पक्षियों का प्रवास होता है।भारत आने वाले प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, रफ,ब्लैक विंग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील,वुड सैंडपाइपर नीलसर,लालसर,सीकपर,
कामनटूथ पिन्टेल,सलही,वारनकटा,धारीदार सवन,सवन,ठेकरी,पनकौवा,पनडुब्बी,चमचा,सिलही,रिनघुर,कालासिर, बाजा, लपीपी, सिहो,जांघिल और खीमा जैसे पक्षी शामिल है।साइबेरिया का मौसम सर्दियों में पक्षियों के रहने लायक नहीं रहता।नवंबर शुरू होते ही बर्फ जमने लगती है तब यह साइबेरियन पक्षी प्रवास के लिए रुख करते हैं।उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र की ओर कई दिनों की हजारों मील लंबी यात्रा करने के बाद साइबेरियन पक्षी पीलीभीत टाइगर रिजर्व के शारदा सागर डैम प्रदेश को अपना आशियाना बनाते हैं।इन पंछियों की नजरे बड़ी तेज होती हैं और उड़ते समय बे उनका बखूबी इस्तेमाल करते हैं रास्ते में पड़ने वाले विजुअल लैंडमार्क्स जैसे पहाड़ नदियों आदि की सहायता से अपना रास्ता तलाश लेते हैं।अब से करीब एक दशक पहले तक तो सांवरिया सरकार इन पंछियों के पैरों में छल्ले नुमा ट्रांसमीटर लगाती थी ताकि यह पता लग सके की यह पक्षी कब और कहां किस स्थिति में है तथा कितनी दूरी की यात्रा तय करके वापस लौटते हैं?साइबेरिया वापसी पर इनकी जांच भी होती थी लेकिन अब कई सालों से इनके पैरों में छल्ले दिखाई नहीं देते हैं।प्रवासी पक्षियों की परेशानी की वजह जलवायु परिवर्तन है।ग्लोबल वार्मिक के लिये हम भी हम कम जिम्मेदार नही है।सर्दी के मौसम में जिले की ओर रुख कर शारदा डैम की शोभा बढ़ाने वाले प्रवासी साइवेरियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है।डैम के पानी में झुंड के रूप में मौजूद इन पक्षियों पर शिकारियों की नजर भी पड़नी शुरू हो गई है।ऐसे में इस बार भी शारदा डैम की रौनक बढ़ाने पहुंच रहे मेहमान पक्षियों की सुरक्षा जिम्मेदारों के लिए चुनौती बनी हुई हैं।

 

चार माह के प्रवास पर आने वाले साइबेरियन पक्षियों पर शिकारियों की भी नजर होती है। बड़े पैमाने पर शिकार होता है।विभाग इसको लेकर ठोस कदम उठाने होगे।

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