महिला दरोगा की मौत के बाद पीड़ित परिवार से मिले अखिलेश यादव, बोले- जातिगत भेदभाव का शिकार हो गई बेटी
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लखनऊ/अमेठी. उत्तर प्रदेश के अमेठी के मोहनगंज थाने की महिला चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक रश्मि यादव की मौत को लेकर सियासी पार चढ़ा हुआ है. महिला दरोगा मूलरूप से लखनऊ जिले के गोसाईगंज थानाक्षेत्र के मलौली गांव की रहने वाली थी. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की. इसके बाद उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और परीक्षा पास करके रश्मि यादव को नौकरी मिली थी, लेकिन उन्हें किन वजहों से आत्महत्या करनी पड़ी वह दुखद है. इसके साथ सपा प्रमुख ने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, थाने पर काफी राजनीतिक दबाव था.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि एक विशेष जाति का होने की वजह से उस पर राजनीतिक दबाव था. साथ ही कहा कि थाने में क्या मुख्यमंत्री की जाति के लोग नहीं बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिस जिले में घटना हुई है उस जिले में ऊपर से लेकर नीचे तक पुलिस कप्तान भी कौन है, यह सब जानते हैं. यही नहीं, अमेठी के मोहनगंज थाने में जितने लोग हैं क्या वह मुख्यमंत्री योगी की जाति के नहीं हैं?
सीएम योगी पर लगाया ये बड़ा आरोप
इसके साथ यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग दूसरे दलों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते थे, वह महिला दरोगा की आत्महत्या को लेकर क्या कहेंगे? इसके साथ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के लोग अन्य जातियों के साथ अन्याय कर रहे हैं.
महिला दरोगा के पिता ने जताई थी हत्या की आशंका
महिला दरोगा के के पिता मुन्ना लाल यादव ने हत्या होने की आंशका जताई थी. साथ ही कहा था कि कई लोग हत्या की बात कर रहे हैं. बता दें कि शुक्रवार को महिला दरोगा अपने सरकारी आवास में फंदे से लटकी मिली थी. इसके बाद आनन-फानन में दरवाजा तोड़कर उसको तिलोई सीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. रश्मि यादव की नियुक्ति 2017 बैच में बतौर उपनिरीक्षक हुई थी. प्रशिक्षण के बाद की उपनिरीक्षक उनकी अमेठी जिले में 2018 में तैनात हुई थी. तैनाती के बाद जगदीशपुर व गौरीगंज समेत कई थानों कार्यकाल के बाद मार्च 2021 में मोहनगंज ट्रांसफर हुआ था. ट्रांसफर के बाद रश्मि यादव को महिला रिपोर्टिंग चौकी का प्रभारी के साथ महिला चौकी की भी जिम्मेदारी दी गई थी.