…तो इसलिए राज्यसभा नहीं भेजे गए मोदी सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। इस बार भाजपा ने कई नए नेताओं को मौका दिया है। हालांकि, इस लिस्ट से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम गायब है। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए प्रत्याशी नहीं बनाया है, जबकि वह मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि भाजपा उन्हें रामपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
10 जून को होना है राज्यसभा के लिए चुनाव
दरअसल, आगामी 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए जो लिस्ट जारी की, उनमें निर्मला सीतरमण से लेकर पीयूष गोयल तक कई नेताओं का नाम था। लेकिन इस लिस्ट से मोदी सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम नहीं था। जबकि नकवी 7 जुलाई 2022 को उच्च सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था।
रामपुर लोकसभा से उपचुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज
सूत्रों ने एएनआइ को बताया है कि भाजपा ने अपने सभी पार्टी नेताओं को राज्यसभा के अधिकतम तीन कार्यकाल देने पर प्रतिबंध लगा दिया है और नकवी वर्तमान में सदन में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। सूत्रों ने आगे कहा है कि उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले नकवी को आजम खान द्वारा खाली की गई लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा पार्टी द्वारा उम्मीदवार के रूप में खड़ा कर सकती है। इस सीट पर इस साल 23 जून को उपचुनाव होना है।
मोदी सरकार ने मुस्लिम चेहरों पर नहीं चला दांव
ऐसी भी अटकलें हैं कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री को राज्यपाल बनाया जाएगा, क्योंकि पिछले कुछ समय से राज्यों में सरकारों के लिए कई पद खाली हैं। भाजपा द्वारा नकवी को उच्च सदन में फिर से नामित करने से इनकार करने और सैय्यद जफर इस्लाम या एमजे अकबर के लिए कोई राज्यसभा नामांकन नहीं होने के कारण दोनों का कार्यकाल जल्द ही पूरा हो रहा है। पार्टी के पास अब संसद में किसी भी सदन से कोई मुस्लिम सदस्य नहीं है।
जनसंघ के दिनों से जुड़े हैं मुख्तार अब्बास नकवी
बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी ने एक छात्र नेता के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1975 के आपातकाल के दौरान जेल गए और जनसंघ के दिनों से भाजपा से जुड़े हुए हैं। 1980 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में असफल कार्यकाल के बाद नकवी ने 1998 में लोकसभा सीट जीती और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री बने। नकवी 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं।