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क्या मायावती पर नरमी के पीछे कोई डील, BJP को मिलेंगे बसपा के वोट? CM योगी का जवाब

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी चुनावी रैलियों में मुख्यतौर पर समाजवादी पार्टी को निशाने पर रख रहे हैं। कांग्रेस को भी घेरने में वह कसर नहीं छोड़ते हैं। हालांकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और मायावती के खिलाफ अधिक आक्रामक नहीं दिखते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ताजा इंटरव्यू में बसपा के प्रति नरम रवैये को लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब दिया है। उन्होंने यूपी में पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार बनने का दावा करते हुए चुनाव बाद बसपा से किसी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार किया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पूछा गया था कि आप और बीएसपी सुप्रीमो मायावती एक दूसरे के खिलाफ नरम क्यों हैं क्या बीजेपी और बीएसपी के बीच कोई गुप्त समझौता है? जवाब में योगी ने कहा, ”हमारा किसी पार्टी से कोई समझौता नहीं है।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरह बीएसपी भी बीजेपी की एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी है। तीन विपक्षी दल दूसरे और तीसरे स्थान के लिए लड़ रहे हैं। बीजेपी 2014 (लोकसभा). 2017 (विधानसभा चुनाव) और 2019 (लोकसभा चुनाव) के प्रदर्शन को दोहराएगी और बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।”

सीएम योगी से यह भी सवाल किया गया कि क्या मायावती के कम प्रचार और उम्मीदवारों के चुनाव की रणनीति की वजह से बीएसपी के दलित वोट बीजेपी को ट्रांसफर हो सकते हैं? इसके जवाब में योगी ने कहा, ”बसपा कभी हाई प्रोफाइल तरीके से प्रचार नहीं करती है। मायावती को जब रैलियां करनी होती हैं, वह करती हैं।

हालांकि, सपा, बसपा, कांग्रेस और ओवैसी (एआईएमआईएम प्रमुख) के बीच समझौता है। 2019 में बीजेपी को रोकने में नाकामयाब रहने के बाद उन्होंने रणनीति बनाई है एक साथ लड़ रहे हैं।

”दो चरणों में सेंचुरी लगाने के अखिलेश के दावे पर जवाब

अखिलेश यादव की ओर से पहले दो चरणों में 100 सीटें जीतने के दावे को लेकर योगी ने कहा, ”बीजेपी 80:20 की लड़ाई लड़ रही है। 80 फीसदी सीटें बीजेपी को मिलेंगी और 20 फीसदी सपा, बसपा, ओवैसी और अन्य को। सवाल यह है कि यदि वह (अखिलेश यादव) पहले दो फेज में जीत रहे हैं तो उन्हें प्रचार करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? वह मुलायम सिंह यादव को करहल में क्यों लाए?

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