Pilibhit

नेपाली हाथियों और टाइगर अटैक से इलाके में टेरर, बेगुनाहों की मौत पर मुआवजा का मरहम

वन्यजीवों के हमले से मौतों का सिलसिला जारी, खेती-बाड़ी हो रही प्रभावित
पीलीभीतकलीनगर क्षेत्र में टाइगर और नेपाली हाथियों के हमले से दो लोगों की मौत हो गई थी। कार्रवाई के नाम पर वन विभाग मुआवजे का मरहम लगा रहा है। पोस्टमार्टम से वापस लौटे दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान नाराज ग्रामीण में जमकर हंगामा भी काटा था। हाथियों के हमले से रमेश की मौत के बाद उसकी पत्नी को विभाग में नौकरी और मुआवजा देने के बाद पर सभी शांत हुए थे। घटना को लेकर दूसरे दिन भी भारतीय और नेपाली वन्यजीवों का टेरर रहा। शाम ढलते ही लोग अपने घरों में कैद होते नजर आए। घटना को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है। 
कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव जमुनिया निवासी तोताराम गांव के ही श्री कृष्ण और राम बहादुर के साथ मवेशियों के लिए घास काटने गए थे। तभी टाइगर ने हमला कर तोताराम को जंगल में खींचकर मौत के घाट उतार दिया था। साथ गए दोनों ग्रामीणों ने भागकर जान बचाई थी। पोस्टमार्टम को शव ले जाने के दौरान ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग कर जमकर हंगामा काटा था। इसके बहुत देर शाम नेपाली हाथियों ने क्षेत्र के गांव मैनी गुलरिया के मौजा मूसेपुर निवासी रमेश, सुरेंद्र और प्रेम बहादुर पर हमला कर कुचल दिया था। इसमें रमेश की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। वहीं दोनों ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा था। मौके की नजाकत भांपकर कर वन चौकी पर स्टाफ गायब हो गया था। दूसरे दिन बुधवार को भी वन्यजीवों के दहशत देखी गई। शाम ढलते ही लोग अपने घरों में कैद होते नजर आए। भय के चलते किसान खेतों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। ताबड़तोड़ घटनाओं मैं बेकसूरों की मौत में ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों ने जंगल से बाहर निकले वन्य जीवों को पकड़ने की मांग की है।  प्रभागीय वनाधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया वन क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। वनकर्मियों का गश्त भी तेज कर दी गई है। किसानों को समूह में खेतों पर जाने के लिए कहा गया है। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
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गांव के नजदीक देखे गए नेपाली हाथी और बाघ
नेपाली हाथियों द्वारा तीन ग्रामीणों को कुचलने के बाद एक की मौत से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
बुधवार को नेपाली हाथी हरीपुर रेंज से दोबारा गांव के नजदीक पहुंच गए। वहीं पुरैनी दीपनगर के नजदीक भी बाघ की चहलकदमी से लोग काफी सहमें हुए हैं।
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