Pilibhit

धान खरीद में पलीता लगाने वाले सस्पेंड डिप्टी आरएमओ का बंधा बोरिया बिस्तर, सेंटर घटाने बढ़ाने में किया खेल

शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा उड़ा कर क्रय केंद्र आवंटित करने और धान खरीद में लापरवाही पर हुए थे सस्पेंड
पीलीभीत। धान खरीद में शिथिलता और नियम विरुद्ध क्रय केंद्र स्थापित करने सहित अन्य आरोपों में घिरे डिप्टी आरएमओ को शासन ने सस्पेंड कर दिया था। सस्पेंड होने के बावजूद वह कई दिन तक रुक कर पीलीभीत में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे। रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले ईमानदार अफसरों को रास्ते से हटा दिया गया। सस्पेंड होने के बावजूद उनपर पीलीभीत में रुककर राइस मिलर्स से सेटिंग सहित अन्य आरोप लगते रहे। मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद उन्हें पीलीभीत छोड़ना पड़ा।
पीलीभीत में किसानों को समर्थन मूल्य देने के लिए जिले भर में 161 क्रय केंद्र बनाए गए थे। शासन ने सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए धान लाने पर 2040 और ए ग्रेड धान का 2060 रुपए प्रति कुंतल मूल्य निर्धारित किया है। शासन की मंशा के अनुरूप 7 किलो के दायरे में क्रय केंद्र बनाने के निर्देश जारी हुए थे। इसके बावजूद तत्कालीन डिप्टी आरएमओ विकास चंद्र तिवारी ने धान खरीद के लिए शासन के नियमों को ताक पर रखकर क्रय केंद्र स्तर पर स्थापित किए थे। मिलीभगत के चलते शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा कर दस किलोमीटर के दायरे के अंदर कई क्रय केंद्र स्थापित कर दिए थे। धान खरीद और राइस मिलों से अनुबंध करने में डिप्टी आरएमओ खरे नहीं उतर पाए। फजीहत होने के बाद कुछ दिन पहले 19 क्रय केंद्र बिना समिति प्रबंधक की बैठकों की बिना निरस्त कर दिए गए। इसके बाद लाभ लेने की नियत से आधा दर्जन क्रय केंद्र बना दिए गए। इसमें मंडलायुक्त की परमिशन भी नहीं ली।इस दौरान रुकावट पैदा करने वाली ईमानदार अफसरों को उन्होंने रास्ते से हटाने की कोई कसर नहीं छोड़ी। कई एएमओ के कार्य क्षेत्र में बदलाव भी किया गया।  शासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कुछ दिन पहले डिप्टी आरएमओ विकास चंद तिवारी को सस्पेंड कर दिया था। इसके बावजूद सस्पेंड डिप्टी आरएमओ कई दिन तक पीलीभीत में रहकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे। उन पर बंद कमरे में राइस मिल सेटिंग करने सहित कई गंभीर आरोप लगे। डिप्टी आरएमओ दोबारा पोस्टिंग की बात कहकर लोगो को गुमराह कर विधायकों की खुशामद करने में पीछे नहीं रहे। दाल न गलने पर उन्हें पीलीभीत छोड़ना पड़ा।

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