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बर्बादी की बारिश: राइस मिलर्स एसोसिएशन ने धान के मानकों में छूट के लिए सीएम को भेजा पत्र

पूरनपुर-पीलीभीत। क्षेत्र में हुई भीषण बारिश से धान की फसल पूर्णतः बर्बाद हो चुकी है। खेतों में पानी भरा होने से धान का रंग काला पड़ जाएगा। निचली जमीन में खेतों में खड़ी फसले बरसात के पानी में डूबी हुई हैं। वहीं कुछ ऊंचे हिस्सों में धान की फसल सरकारी क्रय केंद्रों पर मानक अनुरूप नहीं रह जाएगी। इससे बनने वाले चावल के एफसीआई मानक के अनुरूप न बन पाने के सन्दर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथघ को संबोधित ज्ञापन पूरनपुर उपजिलाधिकारी आशुतोष गुप्ता के माध्यम से शासन को भेजा गया है।

उपजिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में विगत एक सप्ताह से चल रही भीषण वारिश के कारण क्षेत्र में धान की फसल के भीगकर नष्ट व क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उत्पन्न समस्याओं को गंभीरता से प्रस्तुत किया गया है। ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि इस खराब धान के कारण एफसीआई मानक का चावल बनना पूर्णता असंभव है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसान वहुत परेशान है, क्योंकि उसकी अधिकाश फसल डूबकर नष्ट हो गई है अथवा क्षतिग्रस्त होकर काली पड़ गयी है.

जिस कारण चावल का दाना खराब हो गया है और चावल में टूटन की मात्रा भी वहुत अधिक बढ़ गई है। ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि खेत से निकलने वाले धान का गुणवत्ता परीक्षण करा लिया जाये और इससे बनने वाला चावल यथावत् स्वीकार किया जायें। ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया है कि एफसीआई मानक के अनुसार तीन प्रतिशत क्षतिग्रस्त तथा पांच प्रतिशत वदरंग व 25 प्रतिशत टूटन का चावल स्वीकार किया जाता है।

इस समय खेतों से आने वाले धान से यह चावल बनना ही संभव नहीं है। ज्ञापन देने के बाद राइस मिलर्स एसो0 के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छीना, संरक्षक अजमेर सिंह छीना एवं सुखदेव सिंह ने बताया कि यह त्रासदी मौसम के बदले हुये चक्र के कारण है। और इस प्रभाव किसान एवं उद्योग की अर्थव्यवस्था पर विपरीत पड़ेंगा। साथ में ब्रजेश शप्ता, नवीन गुप्ता, अशोक खंडेलवाल आदि भी मौजूद थे।

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