Pilibhit

प्रशासन ने कसा शिकंजा, प्राइवेट कर्मचारी मिलने पर नपेंगे ग्राम पंचायत सचिव,प्राइवेट कर्मचारी उगाही के साथ पूरी कर रहे कागजी कार्रवाई

रिपोर्ट:मीनू बरकाती

पीलीभीत।प्राइवेट लोगो से सरकारी काम करने पर ग्राम पंचायत सचिवो कार्यवाही होगी। जिलेभर के ब्लाकों में अधिकतर ग्राम पंचायत अधिकारियों के पास लगे प्राइवेट कर्मचारी जमकर दलाली कर रहे हैं। अधिकांश सचिव ही इस भ्रष्टाचार की ‘इमारत’ को खोखला करने में लगे हुए हैं। इनकी छत्रछाया में ही यह भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। डीपीआरओ ने जिले भर के सचिवों, एडीओ, बीडीओ, डीडीओ को पत्र जारी कर प्राइवेट कर्मचारी मिलने पर कार्यवाही की चेतावनी दी है। डीपीआरओ का आदेश ब्लाकों में चस्पा भी किया गया है।ब्लॉक में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि दर्जनों प्राइवेट कर्मचारी और दलाल बाकायदा ऑफिस के अंदर कुर्सियों में बैठकर काम कर रहे हैं। जिन्हें लोग पहचानते ही नहीं हैं।इन प्राइवेट कर्मचारियों को अफसरों ने अपनी भ्रष्टाचार की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बैठा रखा है जो इन अफसरों के लिए वसूली करते हैं और हिसाब-किताब कर उन तक पहुंचाते हैं। लगभग अधिकांश सचिव के दो से तीन प्राइवेट युवक बाकायदा कुसिर्यों में सरकारी कर्मचारी की तरह काम निपटाते मिले। इनका लेखा जोखा किसी अधिकारी के पास नहीं है। इनके बारे में पता करने पर कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ। ब्लॉक आने वाले जरूरतमंदों पर रुहाब झाड़ने से भी यह लोग पीछे नहीं रहते हैं।

डीपीआरओ ने जारी किया आदेश, प्राइवेट कर्मचारी मिलने पर होगी कार्रवाई
डीपीआरओ वाचस्पति झा के जारी आदेश में बताया गया सचिवों द्वारा प्राईवेट व्यक्तियों को लगाकर अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन उनसे कराया जा रहा है। जिसके कारण उक्त व्यक्ति द्वारा कराये जा रहे कार्यों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों का शोषण किया जा रहा है। इस पर लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। आप भलीभाँति अवगत है कि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी कार्यालय में किसी प्राईवेट व्यक्ति को लगाकर शासकीय कार्य सम्पादित न कराया जाये। शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों द्वारा इस पर अत्यन्त रोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिये गये है कि सचिवों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन स्वयं किया जाये। किसी भी दशा में किसी प्राईवेट व्यक्ति को लगाकर शासकीय कार्य सम्पादित न कराया जाये यदि भविष्य में किसी सचिव के क्षेत्र में उसके कार्यों को किसी प्राईवेट व्यक्ति से कराया जाना पाया जाता है अथवा कोई शिकायत प्राप्त होती है तो सम्बन्धित सचिव ग्राम पंचायत के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक / विभागीय कार्यवाही की जायेगी।जिसके लिए सम्बन्धित सचिव पूर्णरूप से उत्तरदायी होगा ।

दलाली के साथ कर रहे ठेकेदारी
गांव में विकास कार्य अधिकतर सचिव अपने स्तर से लोग लगाकर पार्टनरशिप में करते हैं।
इन प्राइवेट कर्मचारियों में ज्यादातर युवक पीलीभीत जिला के है। ये दलाली, अवैध वसूली करने के साथ ठेकेदारी भी करते है। इसका हिस्सा ग्राम विकास अधिकारियों को भी दिया जाता है।

गांव में विकास कार्यों में तय है परसेंटेज
सूत्रों के हवाले से मालूम पड़ा है कि के कुछ भ्रष्ट ग्राम पंचायत अधिकारी के दलालों से घनिष्ठ रिश्ते हैं। सचिव का डोगर व फाइल लगाते नजर आते है। प्रधानों व ठेकेदारों से मोटी कमीशन उन्ही के हाथों से सचिव के पास पंहुचती है। विकास कार्यो की फाइल लगाने के नाम पर प्राइवेट कर्मचारी सुविधा शुल्क  बसूलते हैं।
ब्लॉक आने वाले फरियादियो पर झाड़ते है रौब
ग्राम पंचायत स्तर का कार्य लेकर आने वाले फरियादियों पर प्राइवेट कर्मचारी जमकर रौब झाड़ते हैं। भोले वाले अशिक्षित लोग इन्ही को ग्राम विकास अधिकारी भी समझते हैं। जन्म, मृत्यु सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर अधिकांश ग्राम पंचायत अधिकारी इनसे सुविधा शुल्क वसूलते हैं।

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