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हिजाब के खिलाफ पोस्ट लिखने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता की शिवमोगा में हत्या, लगी धारा 144

बेंगलुरु : हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब स्थिति हिंसा तक पहुंच गई है। कर्नाटक के शिवमोगा में एक 23 साल के युवक की हत्या कर दी गई। इसके बाद यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है और धारा 144 लागू है। जानकारी के मुताबिक युवक का नाम हर्ष था और वह बजरंगदल का कार्यकर्ता था। राज्य के गृह मंत्री अरागा जनेंद्र ने जिले के स्कूल एवं कॉलेजों को अगले दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि 4 से 5 युवकों ने हर्ष की हत्या की है। अब तक इस घटना के पीछे किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। फिलहाल शिवमोगा जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति कंट्रोल में है। हालांकि कुछ लोगों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया है। जिले के सीगेहट्टी इलाके में कई लोगों ने कुछ वाहनों में आग लगा दी, जिन्हें बुझाने का काम जारी है। इस घटना ने हिजाब विवाद से पहले ही बढ़े राज्य के राजनीतिक पारे को और चढ़ा दिया है।

युवक ने हिजाब के विरोध में लिखी थी सोशल मीडिया पोस्ट

पुलिस के मुताबिक रविवार रात करीब 9 बजे युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। इसके बाद तनाव बढ़ गया। शिवमोगा शहर के कई इलाकों में उपद्रव हुए और गाड़ियों में आग लगा दी गई। पुलिस हिजाब विवाद से इस मामले को जोड़कर इसलिए देख रही है क्योंकि युवक ने कुछ दिन पहले ही फेसबुक पर इससे संबंधित एक पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट में उसने हिजाब का विरोध किया था और भगवा गमछे का समर्थन किया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।

हिजाब का विरोध कर रहा बजरंग दल

बता दें कि कर्नाटक के उडुपी के कॉलेज से शुरू हुआ विवाद अब अंतरराष्ट्रीय आकार ले चुका है। वहीं कर्नाटक के कोपा में स्कारी स्कूल में छात्रों ने भगवा गमछा लेकर हिजाब का विरोध किया था। बताया गया कि स्कूल प्रशासन ने ही भगवा पहनने की अनुमति दी थी। बजरंगदल इस मामले में काफी ऐक्टिव है। बजरंग दल के कर्नाटक संयोजक सुनील केआर ने इसे जिहाद बताया था। वहीं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन भी किए।

बॉलिवुड तक भी पहुंची हिजाब विवाद की आंच

हिजाब विवाद पहले तो सियासत में पहुंचा और अब इसकी एंट्री बॉलिवुड में भी हो चुकी है। पूर्व अभिनेत्री जायरा वसीम ने इसको लेकर इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया और हिजाब का समर्थन किया। उन्होंने लिखा कि यह केवल शौक नहीं है बल्कि अल्लाह के द्वारा दिया गया दायित्व है जिसे लोगों को निभाना है। जायरा ने कहा, मैं भी एक महिला हूं और हिजाब पहनती हूं। किसी की धार्मिक परंपराओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।

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