संसद भवन में बाबा लक्खी शाह बंजारा जी का प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए : उमेश जाधव
नई दिल्ली, 11 अगस्त( आरएनएस) । भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अखिल भारतीय बंजारा समाज के सहयोग से भाई लक्खी शाह वणजारा का 444वां जन्म दिवस आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विशाल स्तर पर मनाया गया। दिनभर चले समागम में करनाटक, राजस्थान सहित कई राज्यों से आये बंजारा समाज के कलाकारों द्वारा अपनी संस्कृति से जुड़े कई सांस्कृतिक व रंगा-रंग कार्यक्रम पेश किये गये।
भारत सरकार के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने बाबा लक्खी शाह बंजारा के इतिहास पर रोशनी डालते हुए कहा कि वह उन महानतम वीरों में से हैं जिनका मुगलों के शासन में उनसे डटकर लोहा लेने का इतिहास है पर दुर्भाग्यवश ऐसे वीर भारत के सपूतों व बलिदानी यों को उनको भारत के इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली इसलिए भारत सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के उत्सव पर ऐसे महान वीर और देश के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले बाबा लक्खी शाह बंजारा जी को उनके 444 में जयंती पर भारत सरकार की तरफ से उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं.
यह कार्यक्रम आने वाले कई सालों तक याद रखा जाएगा क्योंकि यह कार्यक्रम आजादी के 75 साल में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के निवेदक डॉ उमेश जाधव ने अपने वक्तव्य में इस समय इस समाज के कई समस्याओं को सभी मंत्रियों के सम्मुख रखा और साथ में यह भी निवेदन किया की जिस रायसीना टांडा पर आज संसद भवन एवं राष्ट्रपति भवन एवं अन्य मंत्रालय स्थापित है वह एक समय पर बाबा लक्खी शाह बंजारा का टांडा (गांव) हुआ करता था, ऐसे महान वह सच्चे वीर को नए संसद भवन में बाबा लक्खी शाह बंजारा जी का एक प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए।
इस कार्यक्रम की प्रमुखता यह रही कि इसमें भारतवर्ष के लगभग सभी राज्यों से बंजारा समाज के प्रतिनिधि एवं सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया जिनकी संख्या 10,000 से अधिक थी और 4 घंटे से अधिक बंजारा समाज के रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम में कई सांसद गण भी उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख राजस्थान के बालक नाथ छत्तीसगढ़ के विजय बघेल महाराष्ट्र के डॉक्टर जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य एवं दिल्ली के रमेश बिधूड़ी साथ ही दिल्ली प्रदेश भाजपा के महामंत्री एवं सचिव उपस्थित रहे, ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर पवार सेवालाल महाराज के वंशज एवं पोहरादेवी पुण्य क्षेत्र के पीठाधी पति श्री बाबू सिंह महाराज एवं भारतवर्ष से आए हुए 100 से अधिक संत व योगी गण उपस्थित थे।