उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में लोको इंस्पेक्टर की विभागीय भर्ती में यूनियन नेताओं के दलाल अभ्यर्थियों से 3 से 4 लाख की कर रहे सौदेबाजी
ओ. पी. सिंह वैस
लखनऊ /उत्तर रेलवे में यूनियन अधिकारी गंठजोङ का एक और नया कारनामा आया है जो रेलवे के सारे नियम कानून की धज्जियां उङायी जा रही है और प्रधान मंत्री एंव रेल मंत्री जी बुलेट ट्रेन चलाने को प्रयासरत हैं तो वहीं रेलवे के मैकेनिकल विभाग के अधिकारी एवं विजिलेंस उनके अलग से कानून लखनऊ मंडल में चल रहा है।
प्राप्त विवरण के अनुसार रेलवे में रनिंग विभाग में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को प्रशासन ट्रेन संचालन के लिए भर्ती करता है और इनके वेतन में आम रेल कर्मियों से 30% अधिक माईलेज के रूप में देती है लेकिन लखनऊ मंडल में यूनियनों के नेता और अधिकारी गठजोङ इनको आफिस कार्य में इस लिए लगाते हैं कि इनको प्रतिमाह
सुविधा शुल्क मिलता है और मौके पर ये सब रेल प्रशासन के खिलाफ जिन्दाबाद -मुर्दाबाद का नारा भी लगाते हैं और उनको बराबर पदोन्नति का भी लाभ मिलता रहता है.
और ये नेता बाद में इनको लोको निरीक्षक के पद पर विभागीय परीक्षा में पास करवा देते हैं। क्यों कि इनकी पूरी पकङ अधिकारी से होती है और जब ये लोको निरीक्षक बन जाते हैं तो ये उसी आफिस में नियुक्ति ले लेते हैं फिर दोनों हाथों से लडडू खाना शुरु कर देते हैं। जब कि नियम ये है कि आफिस में कार्य करने वाले को बेसिक पे का 1% मिलेगा वह भी शाखा अधिकारी के अनुमोदन से, लेकिन ये लोग जो भी अधिक होता है चाहे 1%अथवा120 किलोमीटर वही लेते हैं जिसमें संबंधित वेतन अनुभाग का ओ एस एंव अन्य स्टाफ की भी भूमिका अहम होती है।
विभागीय रनिंग के कर्मचारी बताते हैं कि ये सब उसी सीट पर लूट खसोट करने में व्यस्त रहते हैं. कुछ उदाहरण हम लखनऊ मंडल कार्यालय का प्रस्तुत कर रहे हैं जैसे राम भास्कर लोको निरीक्षक जो लगभग ढाई तीन वर्ष पहले आलमबाग लोको डीजल शेड में लाखों रूपयों का डीजल चोरी में जेल जा चुका है और प्रशासन ने उसको अनिवार्य सेवा निवृति दे दी। इसके बाद चन्द्र प्रकाश जो राम भास्कर गैंग का खास चहेता था और फ्यूल इंस्पेक्टर के पद पर डीजल शेड आलमबाग में तैनात था.
गत पिछले वर्ष अगस्त माह में रंगे हाथ टैंकर भरा डीजल चोरी में आरपीएफ की सीआईबी ने गिरफ्तार किया था सूत्रों के हवाले से मिली खबर चन्द्र प्रकाश ही मास्टर माइन्ड था लेकिन ये राम भास्कर प्रकरण में एक नेता और अधिकारी की कृपा से बच निकला था क्योंकि जिस समय राम भास्कर पकङा गया था तो उस समय ये फ्यूल इंस्पेक्टर के पद पर डीजल शेड में कार्यरत था। एवं तेल को पास कराने के लिए इसकी भूमिका अहम होती थी क्यों कि ये घोटालेबाज साथ ही साथ यूनियन में डेलीगेट के पर भी कार्यरत थे.
इस लिए इनका विरोध कोई भी कर्मचारी या अधिकारी नहीं करता था क्योंकि ज्यादा तर जब अन्य इंस्पेक्टर अवकाश पर होता था तो सारा कार्य चन्द्रप्रकाश ही देखता था और सीयूजी मोबाइल चन्द्र प्रकाश अपने पास ही रखता था और इस काली कमाई की करतूत यूनियन के नेताजी का खास चहेता जो सगा भाई बताया जाता है के संरक्षण में बराबर चलता रहा। सूत्रों के अनुसार डियूटी पाने के लिए चंद्र प्रकाश ऐंङी का चोटी लगा रखा है और ये कांग्रेस के एक महिला सांसद का रिश्तेदार बताकर धौंस भी जमाता है।
बताया जाता है कि अभी भी लगभग चार दर्जन रनिंग कर्मचारी आफिस में कार्य कर रहे हैं जो बाबू और लोको निरीक्षक के साथ लोको से लेकर मंडल आफिस तक ऐश कर रहे हैं। और जो कर्मी तनिक विरोध किया तो उसको यूनियन के नेता विजिलेंस से मिलकर फंसवा देते हैं और विजिलेंस जांच में रिकवरी करवा देते हैं क्योंकि विजिलेंस के कुछ अधिकारी एवं इंस्पेक्टर यूनियन के नेताओं और अधिकारियों से गल बहिंया किये हुए हैं.
जैसे अभी एक ताजा प्रकरण सामने आया है एक कर्मी आलोक मिश्रा जो सी एम एम (CMM) में कार्यरत था अब उसको हटाकर यूनियन के एक नेता के कहने पर विजिलेंस जांच हो रही है जब कि लोको निरीक्षक के पद पर पदोन्नति होना है जिसमें सूत्रों के हवाले से मिली खबर लोको निरीक्षक के पद की संख्या लगभग 26 बतायी जा रही है और अभी से तीन से चार लाख रुपये की सौदेबाज़ी शुरु हो गयी है जो देगा वही परीक्षा में पास होगा।
कार्मिक विभाग सही दे पायेगा जानकारी –राजीव गुप्ता
उक्त के संबंध में सी डी एम ई ओ एंड एफ राजीव गुप्ता ने बताया कि यह मामला कार्मिक विभाग से जुङा है। यहां से फाईनल होने पर मेरे पास आयेगा। बेहतर होगा कि संबन्धित विभाग से बात कीजिए।