Maharajganj

आखिर कब होगी तेजतर्रार डीएम महराजगंज की प्राइवेट/ मानक विहीन विद्यालयों पर नजर

आखिर कब होगी तेजतर्रार डीएम महराजगंज की प्राइवेट/ मानक विहीन विद्यालयों पर नजर. 

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज.

  • क्या नवागत बीएसए करेंगे ऐसे स्कूलों की जांच? 
  • गैर मान्यता प्राप्त और मानक विहीन विद्यालय कर रहे अभिभावकों और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़.
  • मान्यता में कागजों में की गई है खानापूर्ति, मौके पर सुविधाएं नदारद.
  • कोचिंग के भरोसे हो रही बच्चों की पढ़ाई/ अभिभावकों का शोषण
  • मनमानी फीस वसूली पर नहीं है कोई लगाम/ सरकारी नियम ताक पर. 
  • जनपद के नामी विद्यालय भी है इसमें शामिल.

महराजगंज:- महराजगंज जनपद के तेजतर्रार जिला अधिकारी सत्येंद्र कुमार की नजर प्राइवेट/ मान्यता प्राप्त/ मानक विहीन विद्यालयों पर नहीं पड़ रही. जहां जनपद के आला अधिकारी अपने स्वच्छ छवि/ पहली नजर/ परिवर्तन वादी विचारधारा के लिए चर्चा में रहते हैं वही बेसिक जरूरत में से एक शिक्षा व्यवस्था चंद लोगों के हाथ की कठपुतली बनी पड़ी है. प्रशासन लाख दावे कर ले लेकिन इन माफियाओं के ऊपर कोई लगाम नहीं लग रही. विद्यालयों में संचालित वाहनों पर कठोर कार्रवाई के लिए कुछ दिन अभियान चलते हैं लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है.

अभी भी आपको क्षेत्र में मानक विहीन और अनफिट स्कूल वाहन धड़ल्ले से संचालित होते नजर आएंगे. यही हालत विद्यालयों की भी है कागज में सभी मानकों को पूरा करने वाले और अपने विज्ञापनों में सर्वोच्च शिक्षण संस्थान का दर्जा रखने वाले इन विद्यालयों की वास्तविक स्थिति बड़ी भयावह है. शिक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है और अभिभावकों से फीस के नाम पर मोटे धन की वसूली. सरकार और स्थानीय प्रशासन बार-बार दिशा निर्देश जारी करता है लेकिन इन माफियाओं के ऊपर इसका कोई असर नहीं.

जब जांच की बात आती है तब केवल नाम करने के लिए कुछ विद्यालयों को नोटिस और सील किया जाता है जबकि अगर सघनता से जांच की जाए तो सरकार और प्रशासन के पास प्रस्तुत किए गए हलफनामे ही गलत साबित होंगे. गलत दस्तावेजों के आधार पर मान्यता लेने वाले और धड़ल्ले से मानक विहीन विद्यालय चलाने वाले इन विद्यालय संचालकों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह सरकारी आदेश को ठेंगे पर रखते हैं.

अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कुछ लोग यह बताते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रसूखदार लोगों की इतनी अच्छी पकड़ है, जिससे कि यह गोरखधंधा फल फूल रहा है. देखा जाए तो प्रशासन लाख दावे कर ले लेकिन इन विद्यालयों पर अंकुश लगा पाना उसके बस में नहीं.

वही जनता महराजगंज के तेजतर्रार जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से यह उम्मीद लगा रही है कि वह इस समस्या का समाधान निकालेंगे. छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने शुरू हुए हैं और विद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से जबरन तीन-तीन महीने की फीस वसूली की जा रही है. साथ ही विद्यालय किताब कॉपी और ड्रेस के लिए शॉपिंग मॉल बना हुआ है जो कि सरकारी आदेशों की अवहेलना है. वैसे तो जनपद में नए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपना पदभार ग्रहण किया है देखना यह भी दिलचस्प होगा कि क्या उनकी नजर और जनसमस्याओं से जुड़े हुए इस मुद्दे को वह अपनी प्राथमिकता में रखते हैं या नहीं.

कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कुछ विद्यालय संचालक मौके मौके पर आयोजनों के माध्यम से इन अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हैं, और इनके नाक के नीचे ही सभी सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं. एक आयोजन में जनपद के आला अधिकारियों को बुलाकर साल भर इसके दम पर अभिभावकों और छात्रों का भरपूर शोषण किया जाता है. देखना दिलचस्प होगा कि (जिलाधिकारी महराजगंज) इस पर किस तरह कार्य करते हैं और क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इनके द्वारा कैसी कार्रवाई की जाती है.

हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.

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