सिसवा नपा अध्यक्ष के प्रतिबंधित अधिकार के आदेश को शासन ने किया बहाल
हिंदमोर्चा न्यूज़ सिसवा बाजार/महराजगंज
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● न्यायालय के आदेश का शासन ने किया अनुपालन
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● सिसवा नगरपालिका अध्यक्ष का वित्तीय अधिकार निरस्तीकरण का मामला
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● 26 जून को शासन ने अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार पर लगाया था रोक
सिसवा नगरपालिका अध्यक्ष शकुंतला जायसवाल के प्रतिबंधित वित्तीय अधिकार के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर विकास ने भी मंगलवार को राहत दे दिया। उनके विरुद्ध शासन द्वारा वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगाए जाने के आदेश को न्यायालय के आदेश के अनुपालन में शासन ने भी निरस्त कर दिया।सिसवा नगरपालिका के एक वित्तीय मामले में नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला जायसवाल के विरुद्ध तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा एक जांच आख्या रिपोर्ट शासन को कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई थी।
जिसके तहत अनियमितता में कथित रूप से अध्यक्ष को दोषी मानते हुए उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव ने 26 जून 2024 को आदेश जारी कर उपजिलाधिकारी सदर महराजगंज शैलेंद्र गौतम को सिसवां नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष के अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा शासनादेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया गया।
जिसके तहत न्यायधीश अंजनी कुमार मिश्र व जयंत बनर्जी की बेंच में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 1 अगस्त को न्यायालय ने आदेश जारी किया। जिसमें न्यायालय ने मुख्य सचिव के आदेश को निरस्त कर दिया था। न्यायालय के इस आदेश के क्रम में नगर विकास अनुभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने अपने पत्रांक संख्या 1270/नौ-6-2024 दिनांक 13 अगस्त को जारी आदेश में न्यायालय के आदेश को उल्लेखित करते हुए उसके अनुपालन में शासन द्वारा 26 जून को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है।
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मेरे विरुद्ध कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा द्वेषवश षडयंत्र रचकर बदनाम करने का प्रयास किया गया था। लेकिन लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभ न्यायपालिका द्वारा सत्य के साथ न्याय किया गया। सिसवा नगरपालिका में विकास मेरी पहली प्राथमिकता थी, और हमेशा रहेगी।