नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उड़ान भरने के बाद विमान ने खोया संतुलन, पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा.
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नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उड़ान भरने के बाद विमान ने खोया संतुलन, पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा.
हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज/सोनौली.
नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे से सुबह 8 बजे उड़ान भरने के सात मिनट के भीतर एक विमान की आपातकालीन लैंडिंग करवानी पड़ी। इस विमान ने मस्टैंग के लिए उड़ान भरा था। उड़ान के कुछ देर बार ही पायलट को विमान में खराबी महसूस हुई जिसके बाद तुरंत इसकी आपात लैंडिंग कराई गई। इसके बाद विमान को सुरक्षित उतार लिया गया। अधिकारी के अनुसार, विमान सुबह 8:06 बजे (NST) रनवे पर वापस आ गया था। विमान में 18 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे।
- मई में विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त.
फिलहाल विमान में हुई खराबी का पता लगाया जा रहा है। सभी यात्रियों का स्वास्थ्य अच्छा है। हवाई अड्डे के अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले मई के महीने में खराब मौसम की वजह से नेपाल के पहाड़ी मस्तंग जिले में तारा एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खराब मौसम की वजह से विमान बाएं के बजाए दाएं मुड़ गया था। इससे विमान पहाड़ों से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
पहले भी हो चुके हैं बड़े विमान हादसे
तारा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उसमें 4 भारतीय भी शामिल थे। इससे पहले साल 2016 में तारा एयरलाइंस का ही विमान इसी मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिससे उसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा साल 2018 में यूएस-बांग्ला एयर विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसमें सवार 51 लोगों की मौत हो गई थी।
- यूरोपीय आयोग लगा चुका है प्रतिबंध.
नेपाल अपने खराब वायु सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। यूरोपीय संघ ने सुरक्षा कारणों से सभी नेपाली एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र से प्रतिबंधित कर चुका है। 5 दिसंबर 2013 को यूरोपीय आयोग ने नेपाल के सभी एयरलाइनों पर 28 देशों के ब्लॉक में उड़ान भरने से यह कहते हुए रोक लगा दिया था कि नेपाली पायलट अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करते हैं। हालांकि इसके बाद नेपाल के उड्डयन प्राधिकरण ने सुरक्षा मानकों में सुधार के कड़े कदम जरूर उठाए जिसके बाद नेपाल पर से ये प्रतिबंध हट गया। नेपाल में 1966 से अब तक लगभग 2 दर्जन घातक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.