Lucknow

टाइम सिटी मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसाइटी में इन जालसाजों समेत 14 पर फिर दर्ज हुआ मुकदमा

  • कम्पनी निदेशक के याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश के आदेश पर पुलिस ने की है कार्यवाही
  • इसके पहले भी इन जालसाजों के विरूद्ध कोर्ट ने कुछ माह पहले दर्ज कराया है केस,अभी चल रही है जांच
  • इन नटवरलालों की शासन-प्रशासन में गहरी पैठ होने से इस तरह का निरन्तर किया जा रहा है काला कृत्य

लखनऊ। टाइम सिटी मल्टी स्टेट को-आपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड स्थित ग्राम बबुरी इन्दिरा कैनाल बाराबंकी के निदेशक संतोष सिंह पुत्र स्व. ि़त्रभुवन सिंह द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए एसी-जेएम-सप्तम लखनऊ ने नटवरलाल जालसाजों के विरूद्ध थाना गुडम्बा पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच का आदेश निर्गत किया है जिसके अनुरूप जालसाजों पर कार्यवाही शुरू हो गयी है। इसके पूर्व ही इन सभी पर न्यायालय के आदेश पर मुकदमें दर्ज किये गये हैं।

ज्ञात हो कि इस टाइम सिटी मल्टी स्टेट को-आपरेटिव के निदेशक द्वारा दायर याचिका में उक्त नटवरलाल जालसाजों द्वारा कम्पनी के अभिलेखों में फर्जी कागजातों के जरिये शामिल होने और जमीन के साथ खाते की रकम हड़पने का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने अधिवक्ता की जिरह को संज्ञान में लेते हुए जालसाजों के विरूद्ध तत्काल पुलिस को कार्यवाही का आदेश 9 जून को निर्गत किया है.

जिस पर गुडम्बा पुलिस ने सीपी शुक्ल पुत्र अर्जुन शुक्ल निवासी 167/168 रवीन्द्र पल्ली फैजाबाद रोड लखनऊ,आशा शुक्ला पत्नी सीपी शुक्ल,सविता शुक्ला पुत्री सीपी शुक्ल,रिचा शुक्ला पुत्री सीपी शुक्ल,दीपचन्द शुक्ल पुत्र अर्जुन शुक्ल,लहुरी पुत्र खुडगुड धर्मदासपुर जनपद-सुल्तानपुर,श्रीकान्त,अनूप तोपर,गंगा सागर यादव,श्याम,सौरव वर्मा,सतीश ओझा,राजन,राहुल ओझा, 167/168 रवीन्द्र पल्ली गाजीपुर,फैजाबाद रोड लखनऊ आदि के विरूद्ध 1 करोड़ 67 लाख 14 हजार 524 रूपये के अलावा अलग-अलग धनराशि निजी स्वार्थ में फर्जी कागजातों के सहारे बैंक खाते से निकालने के आरोप में आईपीसी की धारा- 406, 419, 420, 467, 468, 471, 504, 506 व 34 के तहत अभियोग पंजीकृत करते हुए जांच शुरू कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि इन नटवरलाल जालसाजों पर कुछ माह पहले बाराबंकी न्यायालय से एफआईआर का आदेश पुलिस को हुआ था जिसकी विवेचना अभी प्रचलित होना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इन जालसाज नटवरलालों का यह पेशा हो गया है। राजधानी समेत इर्द-गिर्द के जिलों में जो भी रियल स्टेट कम्पनियां चल रही है उनमें भी दखलनदाजी समय-समय पर इनके आदत में शुमार हो गया है।

बताया जाता है कि इसके बलबूते लोगों ने तमाम नामी-बेनामी सम्पत्तियां भी अर्जित किये है जिसमें शिकायतों के बाद उनके मनोबल पर कुछ अंकुश तो लगा है किन्तु जिसकी आदत ही बन गयी है वह कतई सुधरने को तैयार नहीं है। उक्त टाइम सिटी मल्टी स्टेट को-आपरेटिव में भी निरन्तर अनाधिकृत रूप से ये नटवरलाल जालसाजी करते आ रहे हैं। इनके इस कृत्य में सुधार न आने के पीछे सभी की शासन-प्रशासन में गहरी पैठ होना बताया जा रहा है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इनकी पैठ केन्द्र सरकार के कम्पनियों के रजिस्ट्रेशन विभाग में किसी बाबू से गहरे तालुकात है जो इनके काले कृत्यों को बढ़ावा देता आ रहा है।

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