Lucknow

UP : निजी वाहन रखने वालों के लिए आ गया नया नियम; 3 तारीख से होगा लागू- योगी सरकार ने जारी किए आदेश

HM News लखनऊ : Vehicle Registration निजी वाहनों की पंजीयन पत्रावली अब वाहन स्वामियों को ही सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई है। वाहन स्वामी से शपथपत्र लेकर वाहन विक्रेता (डीलर) उनको पत्रावली सौपेंगे और एआरटीओ कार्यालय के मांगे जाने पर उसे प्रस्तुत करना होगा।

कमर्शियल वाहनों की पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय को सहेजना होगा। प्रदेशभर में नई व्यवस्था तीन अक्टूबर से प्रभावी होगी। परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने इस संबंध में आरटीओ व एआरटीओ को आदेश जारी कर दिया है।

अभी तक यह थी व्यवस्था

प्रदेश में दोपहिया, चारपहिया या अन्य वाहन खरीदने पर डीलर प्वाइंट यानी वाहन विक्रेता के यहां वाहनों की पत्रावलियां सुरक्षित रखी जाती रही हैं। हर दिन करीब डेढ़ से पौने दो लाख वाहनों का पंजीयन होता है। डीलर्स फेडरेशन ने सरकार ने पत्रावलियां रखने की व्यवस्था बदलने का अनुरोध किया।

परिवहन विभाग ने निर्णय लिया कि निजी वाहनों की पत्रावलियां वाहन स्वामी ही रखें। वहीं, कमर्शियल वाहनों की पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय में रखी जाएं। प्रदेश में चार नवंबर 2020 से मूल पत्रावली डीलर के पास रखी जा रही हैं। उनके संबंध में अलग से आदेश जारी होगा। निर्देश है कि सभी वाहन विक्रेताओं को आदेश जारी किया जाए कि वे रखी पत्रावलियां सुरक्षित रखें।

निजी वाहन स्वामी देंगे शपथपत्र

आदेश है कि निजी वाहनों के पंजीयन के समय उनके भौतिक निरीक्षण की जरूरत नहीं होती। उनका डीलर प्वाइंट पर पंजीकरण हो रहा है। ऐसे वाहनों के सभी अभिलेख डीलर डिजिटल साइन से वाहन पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं। डीलर को वाहन स्वामी से सौ रुपये के स्टांप पर शपथपत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा।

डीलर शपथपत्र को भी पोर्टल पर अपलोड करके मूलप्रति एआरटीओ कार्यालय भेजेगा। वाहन स्वामी को रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र के साथ मूल पत्रावली भी उपलब्ध कराई जाएगी। डीलर वाहन स्वामी को पत्रावली प्राप्ति प्रमाणपत्र भी देगा।

एआरटीओ कार्यालय सहेजेगा कमर्शियल पत्रावलियां

कमर्शियल वाहनों का भी पंजीयन डीलर प्वाइंट पर होता है। डीलर पोर्टल पर अभिलेख अपलोड करते हैं। ऐसे वाहनों की मूल पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय में सुरक्षित रखी जाएंगी। इन वाहनों का निरीक्षण व स्वस्थता प्रमाणपत्र जारी होता है। ये प्रक्रिया वाहन अपने जिले या दूसरे जिले में खरीदने पर पूरी करनी होंगी।

एआरटीओ कार्यालय में अलग से वाहन सीरीज रजिस्टर बनेगा। वहीं, अन्य प्रदेश से पंजीयन के लिए आने वाले वाहनों की पत्रावलियां मौजूदा व्यवस्था के अनुसार एआरटीओ कार्यालय में ही रखी जाएंगी।

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