Lucknow

NR मंडल : इंजीनियरिग विभाग में 10 करोङ के घोटाले का आया मामला, मचा हङकंप

  • 13 साल में सैकङों इंजीनियरों एवं जेई को एक इंक्रीमेंट से जुड़ा है प्रकरण
  • मामले को दबाने के लिए क्ई रसूखदारों की सेवा पुस्तिका बाबुओं ने किया गायब
  • रेलवे की विजिलेंस विभाग संदेह के घेरे में, पत्र वायरल होते ही मचा हङकंप

लखनऊ | उत्तर रेलवे लखनऊ के इंजीनियरिंग विभाग में एक ऐसा गोपनीय पत्र लीक हुआ जिससे पूरे रेलवे में हङकंप मच गया है और शिकायत कर्ता लगभग 10 से 15 करोङ का घोटाला किये जाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ने प्रधान मुख्य इंजीनियर को लिखे पत्र में इस घोटाले को लेकर अपनी जान माल का शंका भी व्यक्त किया है। शिकायत कर्ता नफीस अहमद जो खुद इंजीनियरिंग विभाग में तत्कालीन जूनियर इंजीनियर (पीवे ) द्वितीय लखनऊ के पद पर तैनात है.

आरोप लगाया है कि लखनऊ उरे मंडल कार्यालय पत्रांक संख्या -752E/llDA/इंजीनियरिंग /एमएसीपी /एस एसई पी .वे /09 का शो केस नोटिस । उक्त वायरल पत्र में आरोपी ने प्रधान मुख्य इंजीनियर बङौदा हाऊस न्ई दिल्ली को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि उत्तर रेलवे की कुछ अतिसंवेदनशील और भ्रष्टाचार के मामलों में कुछ अधिकारियों के जांच के संबंध में उरे के लखनऊ मंडल के सिविल इंजीनियरिंग (पीवे) के विभाग में कुछ जेई एवं कुछ सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पीवे) के गलत तरीके से एम एसीपी के तहत एक इंक्रीमेंट का लाभ दिया गया था.

उस समय लखनऊ मंडल आफिस द्बारा उस विभाग की शो केस नोटिस भी जारी हुई थी लेकिन उस लिस्ट शामिल लगभग सैकङों लोंगों को एक इंक्रीमेंट लाभ देकर अप्रत्यक्ष तौर से वर्ष 2008 -21 से अब तक लगभग तेरह वर्षो में एक मोटी मोटा दस से पंद्रह करोङ के राजस्व का चूना लगाया गया ।ये शो केस नोटिस को मंडल आफिस के तत्कालीन उच्चा धिकारियों द्धारा निष्क्रिय कर दिया गया.

जिसका मुख्य कारण उन सैकङों की लिस्ट में बीस पच्चीस लोग बाहुबली एवं रसूखदार राजनैतिक परिवारों से संबंध रखते हैं ,इस लिस्ट में शामिल लगभग सौ रेल कर्मियों में दर्जनों रेल कर्मियों से उस समय एक लाख से अधिक रुपये वसूले गये थे प्रति कर्मचारी जिसके कारण इस शो केस नोटिस को दबा दिया गया।

शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है कि उक्त लिस्ट में मैं तत्कालीन सम्मिलित जेई (पीवे) नफीस अहमद एवं लगभग बीस रेल कर्मियों ने विभाग के अधिकारियों को एक रुपए भी नहीं दिये गये। जिसके चलते रेल प्रशासन हम और बीस -पच्चीस रेल कर्मियों से गलत एमएसीपी के तहत इंक्रीमेंट का रिकवरी करना चाहती है।

जिससे इस भ्रष्टाचार को हम लोग गोपनीय ढंग रेल प्रशासन को अवगत करा रहे हैं और इस एमएसीपी के तहत मिले इस लिस्ट में सभी रेल कर्मियों का इंक्रीमेंट की रिकवरी प्रशासन कराये ।और इस भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफअनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये इसमें कुछ रेल कर्मी रिटायर भी हो चुके हैं।

इस मामले को रेल मंत्रालय आडिट विभाग से जांच भी करायी जाये ।भुक्तभोगी ने अपना नाम रेलवे के मंडल के अधिकारियों को न बताने का आग्रह भी किया। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि लखनऊ मंडल का इंजीनियरी विभाग का एक चर्चित जो इस मामले में लिप्त है सेवा पुस्तिका भी बाबू की मिली भगत से गायब करवा दिया है।

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