NR लखनऊ मंडल : वाणिज्य विभाग में नहीं थम रहा घोटालों का खेल, मामला रेलवे स्टेशनों के सफाई नाम पर सालों से चले आ रहे धन के बंदरबांट का
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रेलवे स्टेशनों की सफाई के लिए आये धन की बंदरबांट वर्षो से चल रहा गोरख धंधा
लखनऊ / सरकार का जीरो टालरेंस की उङायी भ्रष्टाचारियों ने धज्जियां लाखों का हो चुका है घोटाला देखिए मंडल रेल प्रबंधक, एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक लखनऊ आपके ऐसे ऐसे कर्मचारी आरोपों से घिरे हैं लेकिन कोई जांच तक की जहमत नहीं उठायी रेल विभाग।
लखनऊ के मंडल रेल प्रबंधक एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य रेल प्रबंधक को भेजे एक शिकायती पत्र में शिकायत कर्ता ओमप्रकाश ग्राम रानेपुर दरियाबाद ने आरोप लगाया है कि दरियाबाद जंक्शन से लेकर बाराबंकी आदि स्टेशनों तक वर्ष- 2021-से जो पैसा स्टेशनों की सफाई के लिए आता है तो वह पैसा सफाई कर्मियों को नहीं मिल पा रहा है और जो सफाई कर्मी स्टेशन पर लगाये जाते हैं उन्हें आधा अधूरा वेतन देकर बाकी पैसा विभाग के स्टेशन अधीक्षक एवं अन्य संबधित कर्मचारी हङप लेते हैं।
लगभग आधा दर्जन शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि काफी संख्या में सफाई कर्मियों को मजदूरी नहीं मिल पाई है और सारा पैसा सीएम आई हङप कर गये एवं अब स्टेशन अधीक्षक की बारी है।
शिकायत कर्ताओं ने मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग किया है कि जंक्शन से लेकर जुग्गौर स्टेशनों के बीच सभी स्टेशनों पर वर्ष 2021 से 31/3/2023 तक कितने सफाई कर्मी लगाये गये उन्हें कितना पैसा
वास्तविक रुप से भुगतान किया गया ।19/5/23 को दस माह का वेतन 16000/-रुपया दिया है जबकि 1-लाख -20 हजार रुपया आता है और खुलेआम कर्मचारियों का खून पी रहे हैं जैसा कि शिकायती पत्र में लिखा गया है।
सूत्रों के अनुसार ये तो एक छोटा उदाहरण है जीता जागता उदाहरण गोशाईंगंज स्टेशन का भी बताया जाता है यहां स्टेशन अधीक्षक जो दबंग किस्म का है आफिस से गायब रहता है और कर्मचारियों पर दबाव बनाकर मनमानी करता है और खुद इकटठा आकर हाजिरी लगा लेता है ये वही स्टेशन अधीक्षक है जिसके खिलाफ अपनी पत्नी के नाम रेलवे का ठेका चलाने के आरोप में जांच भी चल चुकी है।
करोङों की अवैध संपत्ति बना चुका है।
देखिए प्रधान मंत्री एवं रेलमंत्री जी ऐसे लोगों की जांच सीबीआई के सुपुर्द करना चाहिए इतना होने के बावजूद सीना तानकर अपना धंधा धङल्ले से जारी कर रखा है और जांच रददी की टोकरी में डाल दी गयी है।
(क्रमशः)