Lucknow

NR लखनऊ मंडल : वरिष्ठ मंडल कार्मिक की इमानदारी से भ्रष्ट यूनियन नेताओं में खलबली

👉दर्जनों मृतक आश्रित कोटे में नियुक्तियों को लेकर सीबीआई से जांच के स्वर मुखर

लखनऊ । जब कभी किसी भ्रष्टाचारी नेता का पाला किसी ऐसे तेज तर्रार अधिकारी से पङ जाता है तो उसको फिर कहीं रास्ता नहीं दिखाई देता भटकने के अलावा ऐसा ही एक नटवरलाल भ्रष्टाचारी सीपीआई एवं भ्रष्ट नेताओं का मामला लखनऊ मंडल में देखने को मिला है, और मंडल का एक चर्चित नेता जो राजेश महाजन के बदौलत करोङों का माल रेलवे का डकार गया और आलीशान मकान बना रखा है अपने वरिष्ठ नेता के कहने पर राजेश महाजन को अवैध कमाई वाली सीट पर लगाने के लिए हाथ पैर मार रहा है लेकिन अधिकारी है कि सुन नहीं रहा है।

गजब का है नेता जितने भी भ्रष्ट कर्मचारी हैं सबको बचाने के लिए आ जाता है मैदान में। ये नेता चाहे आलमबाग डीजल चोरी का हो या लोको इंस्पेक्टर परीक्षा का हो या फिर अन्य कोई परीक्षा सबमें ये नेताजी अपने आका के साथ दखलंदाजी दे देते हैं अगर नेताजी का भी रिकार्ड सीबीआई खंगाले तो सारा चिटठा सामने आ जायेगा। नेताजी के काले कारनामें किसी पिक्चर के खलनायक से कम नहीं है ये वही नेता हैं जो क्ई वर्ष पूर्व तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल पर लखनऊ में हमला करने का प्रयास कर चुके हैं।

सूत्रों ने फोन पर बताया कि आखिर कौन सा राज है जो दोनों नेताओं का राजेश महाजन बखूबी जानता है और उस राज को छिपाने के लिए ये दोंनों नेता राजेश महाजन को बचाने के लिए सक्रिय हो गये हैं और तरह -तरह से उक्त चर्चित अधिकारी के खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं बदनाम करने के लिए। एक कहावत है ‘ दिल है कि मानता नहीं ‘ आज यही स्थिति दोनों नेताओं की हो गयी है।

रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि इन पैरवी करने वाले नेताओं में एक नेताजी सीबीआई के रडार पर आ चुके हैं नेताजी करोङों का मालिक बने हैं कोई भी विभाग की परीक्षा होती है तो राजेश महाजन ही लिस्ट फाईनल करता है और नेताजी उसको अपने स्तर से निपटाते थे और यह खेल एक आफिस में होता था। बताया तो यहां तक जाता है कि एक पूर्व सीडीपीओ का होटल (ढाबा) एवं दो नेताओं का ठेका एवं एनजीओ संबन्धित कार्य भी राजेश महाजन देखता है।

सूत्रों के हवाले से खबर उक्त नेता सीडीपीओ पर दबाव बनवाने के लिए बङौदा हाऊस के एक अधिकारी के शरण में पहुंचा. जल्द ही उक्त अधिकारी का नाम भी होगा उजागर। एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है कि लखनऊ मंडल में दर्जनों मृतक आश्रित कोटे में फर्जी नियुक्तियां भी किये जाने का समाचार मिला है।

सूत्रों ने बताया कि अगर सीबीआई राजेश महाजन से सख्ती से पूछताछ करे तो दो नेता और एक अधिकारी जल्द ही बेनकाब हो जायेंगें।
आखिर ये नेता को क्या डर सता रहा है कि राजेश महाजन की जांच हुई तो उनका भी पोल खुल जायेगा। देखिए प्रधानमंत्री एवं रेलमंत्री जी ये नेताओं का असली मुखौटा रोड पर धरना देंगे कर्मचारियों के हित के लिए और आङ में करेंगे गोरखधंधा चलायेंगे फर्जी एनजीओ एवं पारिवारिक सदस्य घर बैठकर लेंगे वेतन।

प्राप्त जानकारी के उक्त चर्चित नटवरलाल राजेश महाजन मृतक आश्रित कोटा में खुलेआम दो लाख से लेकर तीन लाख रुपये का रेट फिक्स कर रखा था और इसका जलवा एक पूर्व सीडीपीओ के कार्यकाल में देखने लायक था।

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