NR मंडल लखन्ऊ मैकेनिकल विभाग ओएंड एफ में एक और घोटाला आया सामने, फ्यूल पाईंट घोटाला में लोको निरीक्षक एंव अधिकारी मालामाल
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लोकोनिरीक्षक ने लखनऊ में बनाया लगभग दो करोङ का मकान एवं जमीन
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सीबीआई जांच की उठ रही मांग दर्जनों *रेलकर्मियों द्धारा
लखनऊ / उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल भ्रष्टाचारियों के शिकंजे में फ्यूल पाइंट घोटाला में लोको निरीक्षक ने लिए एक लाख रुपया कमीशन अधिकारी भी आया चपेट में। देखिए रेलमंत्री जी, महा प्रबंधक उरे गजब के हैं आपके अधिकारी जो सरकार के भ्रष्टाचार के जीरो टालरेंस को दिया चैलेंज। मंडल रेल प्रबंधक को बदनाम करने की साजिश आ रही है बू।
मिली जानकारी के अनुसार रेलवे के एक लोको निरीक्षक नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फ्यूल पाईंट अभी हाल में ही गैर कानूनी ढंग से वाराणसी तथा आलमनगर में क्ई लाख रुपये में बेचने से पहले ठेका दे दिया गया। गजब के हैं ये अधिकारी एवं इनके लोको निरीक्षक।
सूत्रों के अनुसार आलमनगर में ही केवल 10-लाख का टेंडर बेचने से पहले ठेकेदार को दे दिया गया और उसके बदले लोको निरीक्षक एवं संबंधित अधिकारी को एक मोटी रकम कमीशन के रूप में दिया गया है। सूत्रों के अनुसार लोको निरीक्षक जिसका वेतन डेढ लाख रुपए के आस पास है तो फिर करोङों का प्लाट एवं मकान कहां से बना यह जांच का विषय है देखिए मंडल रेल प्रबंधक महोदय एवं रेल मंत्री जी ये ऐसा अधिकारी है अगर इसके खिलाफ मीडिया खबर चलाती है तो ये मीडिया के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी देता है जरा इनकी संपत्ति की भी जांच तो करा लें।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल में ड्राइवर /गार्ड के बाक्स को लोडिंग के ठेकेदार के बिल को एक साथ वर्ष भर का पास करने के पीछे आखिर क्या है मकसद। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जो बिल ठेकेदार का पास हुआ है उसमें तरह -तरह से गङबङियां सामने आ रही हैं जैसे कि जो व्यक्ति वर्क चेजकर्ता है वही बिल पास किया है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, कर्मचारियों की उपस्थिति को भी साथ में चेक करके नहीं लगाया गया है.
‘ कार्यरत ठेकेदारों के कर्मचारियों का सत्यापन नहीं किया गया है ‘कर्मचारियों को नगद वेतन दिया जा रहा है ‘ठेकेदार का सूत्र बताता है कि कर्मचारियों के बैंक भुगतान की कांपी भी नहीं है संलग्न। सबसे बङा भ्रष्टाचार तो ये है कि इस सब कार्य के लिए मात्र एक ही लोको निरीक्षक लगाया गया है जो दो वर्ष में ही करोङों का मकान एवं जमीन आदि खरीद लिया ये तो एक छोटा उदाहरण है यह लोको निरीक्षक खुलेआम अधिकारी के नाम पर करता है वसूली खुलेआम कहता है कि विजिलेंस को पैसा देता हूं।
सूत्रों के अनुसार आफिसों में लगे हुए एल आई जैसे सुरेन्द्र मिश्रा आलमबाग डीजलशेड में इनको किसके आदेश से छुट्टियों में भी माईलेज का भुगतान रेल दे रही है. इसके अलावा लोको निरीक्षक का कार्य ट्रेनों में फुटप्लेट करना है। जब कोई कर्मचारी /लोको निरीक्षक अवकाश लेता है तो अवकाश में भी माईलेज का भुगतान संबधित बाबू क्यों करता है ये भी जांच का विषय है। जबकि 9/5 को आडिट में सुरेन्द्र मिश्रा पकङे गये लेकिन खुलेआम घूम घूम कर दे रहा है गाली क्यों,
मैकेनिकल विभाग में सूत्रों के अनुसार क्या टेंडर लोको निरीक्षक को करने के लिए मंत्रालय से कोई आदेश निर्गत हुआ है जबकि इसके पहले तत्कालीन एक अधिकारी के खिलाफ क्ई मामले विजिलेंस में चल रहे हैं लेकिन मामला ढांक का तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो चुकी है ।
सूत्रों के अनुसार अगर सीबीआई उक्त लोको निरीक्षक जो इस टेंडर को पास किया है कङाई से पूछताछ करे तो लगभग 20 करोङ का घोटाला का पर्दाफ़ाश होगा ये तो एक अनुमानित राशि है और क्ई अधिकारी तो जा चुके हैं सब लपेटे में आ जायेंगें। इस संबध में दर्जनों कर्मचारियों ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग किया है।