Lucknow

NR मंडल लखनऊ प्रतापगढ भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार पर्दाफाश करना मुख्य वाणिज्य निरीक्षक को पङा मंहगा

  • प्रतापगढ सीएमआई ने लाखों रुपयों घोटाला का किया पर्दाफ़ाश,
  • भ्रष्ट कर्मियों के तार जुङे मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय से एक तथाकथित नेता और एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
  • भ्रष्ट कर्मचारियों का काकस संगठन ने खोला मोर्चा दो चर्चित घोटाला बाजों का हुआ तबादला
  • मामले को रफा दफा के लिए सामने आये तथा कथित यूनियनों के नेता
  • रेलवे बोर्ड एवं रेल मंत्रालय का जीरो टालरेंस ताक पर

लखनऊ / उरे का प्रतापगढ स्टेशन आरक्षण कार्यालय टिकट दलाली, रोलचोरी, व आये दिन अवैध पैसों की बंदरबांट के चक्कर में मारपीट की दर्जनों शिकायतें चर्चा का विषय बन चुका है और अब असली जंग की शुरूआत भी हो चुकी है तथा भ्रष्टाचारी भारी पङते दिखाई पङ रहे हैं अब देखना ये है कि मंडल रेल प्रशासन कहां तक सफल होता है ।

प्राप्त विवरण के अनुसार वर्तमान मुख्य वाणिज्य निरीक्षक नीरज सोमवंशी इसके पहले आरक्षण कार्यालय में बतौर तैनात रहे और जैसे ही इनको सी एम आई का चार्ज मिला तभी से कर्मचारियों में विरोध शुरू हो गया।
सूत्रों के अनुसार इन भ्रष्ट आरक्षण कर्मचारियों ने एक शिकायती पत्र वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक को भेजकर आरोप लगाया है कि नीरज सोमवंशी टिकट दलाली एवं अवैध वसूली करना चाहते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार उक्त चर्चित सीएमआई ने एक ऐसी रिपोर्ट मंडल कार्यालय को भेजी है जिसमें क्ई कर्मचारी इसकी चपेट में आ चुके हैं और कई लाख रुपयों का घोटाला हो चुका है। उक्त रिपोर्ट को सी डीसीएम रेखा शर्मा ने मंडल रेल प्रबंधक को भेजी है ,उक्त रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उक्त आरक्षण कार्यालय में 2021में 1- अक्टूबर से 20 -अक्टूबर तक आर ओपीडी (रिफंड आन पैसेंजर डिमांड) लेखा कार्यालय को नहीं भेजी गयी और इसका रिकार्ड भी आरक्षण आफिस में गायब कर दिया गया है एंव मार्च माह की आउट स्टैडिंग भी जीरो पाई गयी ।

सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि आरके रिफ्रेसमेंट रुम को अनियमितता में दो लाख रुपये का जुर्माना भी हो चुका है। लेकिन इसे आज तक नहीं जमा किया गया साईकिल स्टैंड के निरीक्षण में भी पाया गया कि 5- की जगह 20/ रुपया वसूला जा रहा था इन माफियाओं का तार मंडल आफिस से जुङे होने का समाचार मिला है तथा यहां माफिया राज का बोलबाला जोरों पर चल रहा है।

सूत्रों के अनुसार आरक्षण लिपिक विद्मा भूषण तिवारी इनमाउल्ला अंसारी की भूमिका अहम बतायी जाती है और इन लोंगों ने लाखों की अवैध संपत्ति कहां से बनायी ये भी जांच का विषय है इसकी जांच रेलवे सीबीआई से कराये तो करोङों रुपयों का होगा पर्दाफ़ाश। सूत्रों के अनुसार ये भ्रष्ट आरक्षण लिपिक अपने बचाव के लिए कुछ तथाकथित मीडिया का भी ले रहे सहारा जिनका कोई वर्चस्व नहीं है शासन प्रशासन में।

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