NR मंडल लखनऊ : डीजीपी एवं रेल अधिकारियों के नियन्त्रण में नहीं जी.आर.पी.
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डीजीपी के निर्देश के बावजूद नहीं मान रहे यूपीपी, सारी ट्रेनों में एसी डिब्बों में बिना टिकट करते हैं यात्रा
लखनऊ/ उप्रपु इस कदर बेलगाम हो गयी है कि पुलिस महानिदेशक उप्र, के निर्देश के बावजूद ये वर्दीधारी अपने गुंड्ई एवं वर्दी के हनक के बदौलत सारी ट्रेनों में एसी एवं सेकेण्ड क्लास के डिब्बों में बिना टिकट यात्रियों को वर्दी की हनक दिखाकर कर लेते हैं सीटों पर अवैध कब्जा। देखिए मुख्यमंत्री जी एवं डीजीपी साहब शासन को दिखा रहे हैं ये ठेंगा आखिर कब रुकेगी इन वर्दीधारियों की गुंडई जबकि दर्जनों टीटीई हो चुके हैं शिकार रेलवे अधिकारी बने हंसी के पात्र और कान में तेल डालकर साधे चुप्पी।
यह वर्दीधारी पुलिसकर्मी 24/4 को 13010 ऋषिकेश हाबङा एक्सप्रेस में एसी A-1की सीट- 41 पर वर्दी में खुलेआम कर रहा है यात्रा और यह पुलिसकर्मी लखनऊ में सवार हुआ एंव अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर उतर गया जबकि उसी डिब्बे में यह संवाददाता भी मौजूद रहा, पूंछने पर उक्त पुलिस कर्मी ने बताया कि डीजीपी एवं रेलवे के अधिकारी हमारा कुछ नहीं बिगाङ सकते हम लोगों के ही बदौलत ट्रेन चलती है ।
ज्ञातव्य है कि इसके पहले लखनऊ मंडल में तीन घटनाएं हो चुकी है अभी हाल में हफ्तों पहले 22121एलटीटी लखनऊ एसी एक्सप्रेस में जीआरपी के आधा दर्जन से अधिक दरोगा एवं सिपाहियों ने टीटीई पर जानलेवा हमला करके क्ई हजारों का नगदी एवं जेवर उ रर्ई स्टेशन पर लूट लिया था जिनके खिलाफ मीडिया में खबर चलने के बाद सी आरपीसी धारा के तहत 395/353/323/506 डकैती का मुकदमा लखनऊ जीआरपी में दर्ज हो चुका है और मामला लीपापोती चल रही है।
इसके पहले वाराणसी से आने वाली ट्रेन अर्चना एक्सप्रेस में प्रतापगढ स्टेशन पर आधा दर्जन सिपाहियों ने लखनऊ मुख्यालय का टीटीई संदीप सिंह पर जानलेवा हमला किया था केवल टीटीई का कसूर यही था कि उसने एक सिपाही से एसी डिब्बे में बिना टिकट चलने पर टिकट मांग लिया था इससे कुपित होकर उक्त सिपाही ने अपने साथियों को बुलाकर प्रतापगढ स्टेशन पर हमला बोल दिया.
जिसका मुकदमा जी आरपी लखनऊ में दर्ज हो चुका है। उसी के एक दिन पहले अमरनाथ एक्सप्रेस में गोरखपुर लखनऊ के बीच एसी डिब्बे में टिकट मांगने पर उक्त ट्रेन में तैनात राजेशसिंह नामक टीटीआई को एक दरोगा एवं सिपाही ने ट्रेन से बाहर फेंकने की खुलेआम धमकी दिया और वीडियो भी वायरल हो चुका है लेकिन आज तक इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शासन ने नहीं किया
जबकि इन पुलिस कर्मियों को डीजीपी साहब को बर्खास्त कर देना चाहिए देखिए मुख्यमंत्री जी आपके पुलिसमहानिदेशक ने एक पत्र भी जारी कर चुके हैं कि कोई भी पुलिस कर्मी बिना टिकट नहीं चलेंगें। लेकिन इतने मनबढ़ कि ये वर्दीधारी पुलिस महानिदेशक के निर्देश को ताक पर रख दिया है और सरकार के क्रिया कलापों पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है कि उनके चेकिंग स्टाफ के ऊपर कोई भी कुछ करे या जानलेवा हमला करे इससे कोई वास्ता नहीं है केवल लाखों रुपया वेतन चाहिए।