Lucknow

NR मंडल में सुविधा शुल्क दीजिए, मनचाहा अवकाश लीजिए का चल रहा है खेल

  • NR मंडल में सुविधा शुल्क दीजिए, मनचाहा अवकाश लीजिए का चल रहा है खेल
  • ऑनलाइन हाजिरी के उपकरण गायब कर भ्रष्ट अधिकारी लाखों के घोटाले में हो रहे हैं कामयाब

    लखनऊ |उत्तर रेलवे मंडल में भ्रष्टाचारियों का काकस इन दिनों बढता जा रहा है जिससे सेवानिर्वित्त कर्मियों एवं अन्य दर- दर भटकने पर मजबूर हैं। इस खेल से भ्रष्ट अधिकारी विभाग का लाखों रुपए घोटाला करने में कामयाब हो रहे हैं |

मिली जानकारी के अनुसार वर्षो पहले रेलवे मंत्रालय ने एक निर्देश सभी विभागों को दिया था कि जितने भी कर्मचारी हैं उनकी सारी छुट्टियां आन लाईन (एच आरएमएस) कंप्यूटर में फीड की जायें और कर्मचारी अपनी छुटटी का रिकार्ड रख सके लेकिन मंडल आफिस में बाबुओं का एक ऐसा काकस संगठन जो यूनियनों से जुङा हुआ है ,खुलेआम धन उगाही पर उतर आया है |

मोटी रकम दो छुटटी बढवाओ ,चारबाग के आधा दर्जन कर्मचारियों ने बताया कि हम लोंगों की छुटटी 300 से अधिक है लेकिन कंप्यूटर में 250 केवल दिखाई जा रही है, बाबू कहता है कि सुविधा शुल्क दो छुटटी बढ जायेगी। आईए अब जो घोटाला हुआ है उपकरण खरीद में बताते हैं कि 2019-20 में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए सरकार ने एक कंपनी को ठेका दिया था कि वह सारे आफिसों में बायोमेट्रिक्स मशीनें लगायें, डीआरएम आफिस, आलमबाग डीजलशेड, लोको चारबाग, सीएंडडब्लू आदि कारखानों में ।

सूत्रों के अनुसार ठेकेदार एवं अधिकारियों ने आन लाईन हाजिरी के लिए आई मशीनों को गायब करवा दिया साथ ही साथ ये यूनियनों के खास गुर्गे अधिकारियों की साठगांठ करके रेलवे का ठेका भी खुद चला रहे हैं और साथ ही साथ ये तथा कथित नेता कभी भी डियूटी नहीं करते जिससे आन लाईन सिस्टम को ध्वस्त कर रखा है.

मंडल के कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो रेलवे बोर्ड का आदेश न मानते हुए ये कथित नेताओं की जी हुजूरी करने में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ लोको निरीक्षक ऐसे हैं जो सप्ताह में एक दिन ही आफिस आते हैं और पूरी हाजिरी लगा लेते है जिसकी सारी जानकारी आप (सी एमएस) रिपोर्ट में देख सकते हैं जो निकलने वाले माईलेज को बिना जांच किये पूरा वेतन में लगाया जा रहा है |

बताया जाता है कि एएलपी लोको पायलट की 357 की स्वीकृत के स्थान पर 507 कर्मचारियों की फौज लगी हुई है फिर भी ट्रेन संचालन में बाधा उत्पन्न हो रहा है | एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इतने लोको निरीक्षक तैनात हैं कि एक- एक कार्य के लिए तीन -तीन सीएलआई लगे हुए हैं और मंडल के एक सीनियर डीईई जो मंडल में चर्चित रह चुके हैं ,चुप्पी साध रखी है इनकी भूमिका भी संदिग्ध होना बताया जा रहा है ।

जबकि नवागत मंडल रेल प्रबंधक जो काफी सक्रियता बरत रहे हैं, ईमानदारी को लेकर उनकी भी छवि धूमिल करने में भ्रष्ट अधिकारी कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उक्त के संबंध में सीनियर डी ईई से संपर्क का प्रयास किया गया किंतु उनका सीयूजी नॉट रीचेबल होने से पक्ष नहीं जाना जा सका।

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