NR मंडलः रेलवे हॉस्पिटलों की हालात खस्ताहाल, चिकित्सक हो गये हैं बेलगाम
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सभी अस्पतालों में तैनात चिकित्सक निजी क्लीनिक चलाने में मशगूल
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कर्मचारियों से रिश्वत लेकर सिक में कर रहे हैं खेल,रेल प्रशासन बना मूकदर्शक
लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रेलवे चिकित्सक बेलगाम हो चुके हैं सारे कानून को ताक पर रखकर कर रहे मनमानी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के आदेश को नहीं मानते ये बेलगाम मंडल चिकित्सा अधिकारी। मिली जानकारी के लखनऊ मंडल के मुख्य चिकित्सक अधीक्षक ने एक आदेश निकाला था कि कोई भी चिकित्सक ऐसे कर्मचारी को सिक में नहीं रखेगा जिसका तबादला दूसरे स्टेशनों पर हो चुका है,लेकिन सुल्तान पुर में तैनात शिव दुलारी शुक्ला आरक्षण लिपिक का तबादला वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक लखनऊ ने रायबरेली स्टेशन पर कर दिया जिसको एक चिकित्सक ने मोटी रकम लेकर शिव दुलारी शुक्ला को अवैध ढंग से बीमारी दिखाकर सिक में रख लाया।
इसके बाद आईए बताते हैं कि सुल्तान पुर रेलवे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इन दिनों चर्चा का विषय हुआ है सुल्तानपुर का एक रेल कर्मी ने बताया कि एक महिला चिकित्सक की नियुक्ति हुई लेकिन ये कभी भी सुल्तानपुर में नहीं रुकती है, जब भी कोई रेलकर्मी ईलाज हेतु जाता है तो सिकमेमो लेकर या परिवार के सदस्य को लेकर तो तरह-तरह से जांचे लिख देती है यदि कर्मचारी 2 सौ रुपये दे-दे तो सिक लीव मिल जाती है और बिना पैसे के एमओडी भी नहीं करती। और रकम मिलने पर सारी सुविधा मिल जाती है।
सूत्र ने बताया कि यदि कोई ट्रेन काल अटेंड करना है तो ये हेड क्वार्टर में नहीं रहती है। इसके दो कर्मचारी रमाशंकर और सुरेन्द्र जो कर्मचारियों से अवैध वसूली करते हैं और चिकित्सक के हेडक्वार्टर में न रहने पर बिना किसी डिग्री के यात्री या कर्मचारी का इलाज एवं सुई भी लगाते हैं। सूत्र ने बताया कि कर्मचारियों का ईलाज रेट सुल्तानपुर हेडक्वार्टर का 2 सौ प्रति दिन तथा अन्य हेड क्वार्टर पर 3 सौ प्रति दिन। यही हाल चारबाग इंडोर अस्पताल मंडल आफिस हजरतगंज एवं आलमबाग डीजलशेड का भी है। अगर गोपनीय जांच हो तो दर्जनों रेल कर्मी फर्जी सिक मेमो पर भर्ती दिखाकर मौज मस्ती कर रहे हैं।