Lucknow Tourism Guide: लखनऊ के खास टूरिस्ट प्लेस, यहां दो दिन में ले सकते हैं यात्रा का आनंद
लखनऊ, Tourist Places In Lucknow : नवाबों का शहर के नाम से प्रसिद्ध लखनऊ अपनी संस्कृति और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गोमती नदी के दोनों तरफ बसा है। लखनऊ एक ऐसा शहर है जो दो भागों में बंटा हुआ है। यहां एक तरफ पुराना लखनऊ है, जो अपने में ऐतिहासिक धरोहरों को समेट हुए है तो दूसरी तरफ नया लखनऊ है, जहां विशालकाय पार्क से लेकर बड़े-बड़े माल हैं। यानी हर तरह के पर्यटकों के लिए कुछ न कुछ खास है।
पुराना लखनऊ ऐतिहासिक इमारतों, जीवंत गलियों और लखनवी चिकेन बाजार के अलावा थोक आभूषण भंडार के लिए भी जाना जाता है। वहीं नया लखनऊ चौड़ी सड़कों, शापिंग माल और पार्कों से बना हुआ है। लखनऊ के बारे में एक बात और कही जाती है कि भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने गोमती नदी के किनारे इसकी नीव रखी थी। तब इसे लखनपुरी भी कहा जाता है। आज हम आपको ऐसी कुछ खास जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिसे दो दिन की छुट्टी में घूम सकते हैं।
बड़ा इमामबाड़ा : लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है बड़ा इमामबाड़ा। यह ऐतिहासिक धरोहर देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 1754 में नवाब आशिफउद्दौला ने भुखमरी के दौरान मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से करवाया गया था। इसके निर्माण में 14 वर्ष लगे थे। इसके अंदर स्थित भूलभुलैया पर्यटकों को काफी ज्यादा रोमांंचित करता है। इसमें प्रवेश करने के लिए तो कई दरवाजे हैं, लेकिन बहार निकलने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। इसीलिए इसे भूल भुलैया भी कहा जाता है। हालांकि वर्तमान में इसके ज्यादातर दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
छोटा इमामबाड़ा : छोटा इमामबाड़ा 1838 में नवाब मुहम्मद शाह अली द्वारा बनाया गया था। यह परिसर नवाब के मकबरे के रूप में भी प्रसिद्ध है, जिसे उनकी मां के साथ वहां दफनाया गया है। परिसर के ठीक बाहर चार मंजिला सतखंड भी है, जो एक अधूरा वॉचटावर या वेधशाला है।
रूमी गेट : लखनऊ के प्रवेश द्वार के रूप में प्रसिद्ध रूमी गेट बेहतरीन कलाकारी का सुन्दर नमूना है। रूमी गेट का निर्माण भी आशिफउद्दौला ने कराया था। 60 फिट ऊंचे इस दरवाजे से बड़ा इमामबाड़ा में प्रवेश किया जा सकता है। इसमें आने जान के लिए तीन रास्ते हैं। इसकी खासियत यह है की इसका निर्माण बिना लकड़ी और लोहे के हुआ है।
घंटाघर : इमामबाड़ें के पास स्थित हुसैनाबाद क्लाक टावर (घंटाघर) को 1881 में बनाया गया था। यह भारत का सबसे लंबा क्लॉक टावर है, जो 67 मीटर ऊंचा है। इसमें 12 पंखुड़ियों वाले फूल के आकार का एक डायल है।
रेजीडेंसी लखनऊ : गोमती नदी के तट पर स्थित रेजीडेंसी का निर्माण अवध के नवाब आशिफउद्दौला ने करवाया था। इसका निर्माण आसिफउद्दौला ने 1775 ईस्वी में शुरू करवाया और 1800 मैं इसे नवाब सआदत अली खान ने पूरा करवाया था।स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अंग्रेजों ने इस ऐतिहासिक इमारत पर कब्ज़ा कर यहां अपना ठिकाना बनाया था। आजादी की लड़ाई रेजीडेंसी में भी लड़ी गई थी। यहां दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी मौजूद हैं। चारबाग स्टेशन से रेजीडेंसी की दूरी 4.8 किलोमीटर है।
पिक्चर गैलरी : इमामबाड़ा के घंटाघर के समीप स्थित 19वीं शताब्दी की बनी पिक्चर गैलरी में लखनऊ के सभी नवाबों की तस्वीर देखी जा सकती है। यहां रखीं तस्वीरें उस समय की हैं जब डीएसएलआर कैमरे और ऑयल पेंट नहीं हुआ करता था। इन तस्वीरों को लंदन से आए चित्रकार ट्रेस हैरिसन और कोलकाता से आए एलएस गाड ने तैयार किया था। इस जगह पर नवाबों की अदालत चलती थी, लेकिन नवाबों का राज्य खत्म होने के बाद इस इमारत को पिक्चर गैलरी में बदल दिया गया।
अंबेडकर पार्क : लखनऊ के प्रमुख पार्कों में शुमार अंबेडकर मेमोरियल पार्क का निर्माण भीमराव अंबेडकर कांशी राम और इन जैसे अन्य लोगों की याद में कराया गया है। पार्क को राजस्थान से खरीदे गए लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है। सात अरब रुपये के बजट के साथ बना यह पार्क लखनऊ में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इसके अलावा जनेश्वर पार्क और लोहिया पार्क भी बेहद खास हैं।
गोमती रिवर फ्रंट : हरियाली से भरपूर और गोमती नदी के किनारे बना गोमती रिवर फ्रंट नए लखनऊ के लिए बेहद खास है। यह एक ऐसा आकर्षण का केंद्र है, जहां आप गोमती नदी को बिलकुल समीप से निहार सकते हैं। शाम को यहां का नजारा बेहद खास होता है। इस बेहद ही खूबसूरत पार्क का उद्घाटन अक्टूबर 2016 में किया गया था।
लखनऊ प्राणी उद्यान : नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है। इसकी स्थापना 1921 में हुई थी। लखनऊ के बीचोंबीच स्थित यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है। लखनऊ प्राणी उद्यान बच्चों के साथ बड़ोंं के भी आकर्षण का केंद्र है। यह वन्यजीव में रुचि रखने वालों का सबसे पसंदीदा जगह है। इस निर्माण 1921 में वेल्स के राजकुमार हिज रायल हाइनेस की यात्रा की याद में किया गया था। लखनऊ चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, व्हाइट टाइगर, लायन, वुल्फ, ग्रेट पाइड हार्नबिल, गोल्डन तीतर और सिल्वर तीतर जैसे कई आकर्षक जानवर और पक्षी प्राकृतिक आवास में रहते हैं।