Lucknow

शातिरअपराधियों ई – रिक्शाचालकों के संगठित गंठजोड़ से , यात्री हो रहे इनका शिकार आलमबाग एवं चारबाग बना तथाकथित लुटेरों का मुफीद अडडा

  • मार्गो पर बेतरतीब वाहन खड़ा कर भरते हैं सवारियां, जाम के लिए बने बड़ा रोङा

(ओपी सिंह वैस )

लखन्ऊ। शहर में इन दिनों ई-रिक्शा चालकों की धमाचौकड़ी से राहगीरों का आना जाना मुश्किल से होता जा रहा है। मार्गो पर बेतरतीब वाहन खड़ा कर सवारियां भरने की आदत के चलते लोगों को जाम के झाम से जगह-जगह दो-चार होना पड़ता है। खास तौर पर शहर के आलमबाग , नटखेङा रोड चारबाग , रोडवेज बस स्टॉप, अमीनाबाद, मवैया, कृष्णा नगर एवं रेलवे स्टेशन आदि मार्गों पर इनकी मनमानी कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस ई रिक्शा चालकों में दर्जनों शातिर अपराधी जो बाहरी जिलों के हैं शामिल बताये जाते हैं। एक सूत्र ने बताया कि ये सब का कोई भी जांच प्रशासन द्बारा नहीं कराया जाता है और ये सब रात्रि में सवारियों को बैठाकर सूनसान स्थानों पर लूट लेते हैं सबसे मजे की बात तो ये है कि इसमें दर्जनों ई-रिक्शा चालक स्मैकिया और अफीम जैसे नशीले पदार्थो के नशेङी भी बताये जाते हैं, और इस तरह से क्ई घटनाएं भी हो चुकी है।

आलमबाग के नटखेङा रोड पर आधा दर्जन अपराधी ई रिक्शा चलाते हैं और रात्रि होते ही शराब पीकर अपने असली अंजाम देने में सक्रिय हो जाते हैं जिससे रेलवे स्टेशन या बस स्टाप से आने वाले यात्रियों को अपना शिकार बना लेते हैं। जिस समय रोडवेज बस स्टॉप पर बसे रूकती है तो बसों के आगे-पीछे चारों तरफ यह ई रिक्शा चालक सवारी भरने के चक्कर में जाम की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं जिसकी वजह से यात्रियों को बस पर चढ़ने एवं उतरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

इसी प्रकार रेलवे स्टेशन चारबाग पर यात्री ट्रेनों के आने के बाद ई रिक्शा चालक मार्ग पर बेतरतीब वाहन खड़ा कर सवारी भरने की होड़ में जाम लगाने से भी परहेज नहीं करते और साथ ही साथ शराब के नशे में धुत रहते हैं कभी-कभी तो ऐसी स्थिति बन जाती है कि कई लोगों से झगड़ा फसाद की भी नौबत खड़ी हो जाती है, और इनके गुर्गे अगल बगल मडराते रहते हैं और मौका पाते ही सामान और नगदी भी छीन लेते हैं।

राहगीरों ने बताया कि ई रिक्शा चालकों की मनमानी की वजह से मार्गो पर जाम की समस्या बढ़ती जा रही है अगर पुलिस प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देता तो यह समस्या विकराल रूप ले लेगी और फिर इससे निजात पाना नामुमकिन सा हो जाएगा, क्योंकि दिन प्रतिदिन ई-रिक्शा की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। और चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मी गायब रहते हैं और रहते भी हैं तो अनदेखा कर देते हैं।

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