Lucknow

लखनऊ में परिवार के आत्महत्या का मामला: जेई ने उधार लेकर जमीन में किया था निवेश; फंस गई थी रकम

लखनऊ; जानकीपुरम के सुलतानपुर में जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र कुमार, उनकी पत्नी और बेटी की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। छानबीन में सामने आया है कि शैलेंद्र ने कमाई हुई रकम के अलावा कई लोगों से रुपये उधार लेकर जमीन में निवेश किया था। करीब चार करोड़ रुपये की जमीन शैलेंद्र ने खरीदी थी जिसकी वर्तमान में कीमत 15 से 20 करोड़ बताई जा रही है। शैलेंद्र जमीनों को बेचकर लोगों का उधार चुकाना चाह रहे थे, लेकिन उनकी जमीन विवादित निकल गई।

ऐसे में ग्राहक उन जमीनों को खरीदने से इंकार करने लगे। काफी प्रयास के बावजूद शैलेंद्र न तो जमीन बेच पाए और न ही निवेश की रकम उन्हें वापस मिली। आखिरकार वह हिम्मत हार गए और खिचड़ी में जहर मिलाकर पत्नी गीता और बेटी प्राची के साथ खुद भी खा लिया। पुलिस उपायुक्त उत्तरी अनिल यादव के मुताबिक शैलेंद्र ने सुसाइड नोट में जिन लोगों पर आरोप लगाया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपितों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि शैलेंद्र ने काफी रकम उधार ली थी।

आरोपितों की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों की पड़ताल की जा रही है। सभी बिंदुओं पर पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने गुरुवार को जानकीपुरम थाने में शिकायती पत्राें की भी पड़ताल की। इस बारे में पता लगाया गया कि क्या शैलेंद्र ने पिछले दो साल में कभी पुलिस से शिकायत की थी या नहीं। पुलिस ने ये भी पता लगाया कि कहीं शैलेंद्र के खिलाफ किसी ने शिकायत की हो, लेकिन इसके साक्ष्य नहीं मिले। गुरुवार को जानकीपुरम स्थित शैलेंद्र के घर पर ताला बंद मिला।

पड़ोसी इटौंजा के असनहा गांव में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। पड़ोस में रहने वाली कुछ महिलाओं ने कहा कि बाहरी लोगों का शैलेंद्र के घर पर आकर हंगामा करने की भनक उन्हें नहीं लगी। गीता ने भी कभी इसका जिक्र नहीं किया था। नौकरी दिलाने के नाम पर लेनदेन के आरोपों की जांचपूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि शैलेंद्र ने नौकरी लगवाने के नाम पर भी कुछ लोगों से रुपये लिए थे। हालांकि अभी तक पुलिस को इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। इस प्रकरण से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे और आरोपों की पुष्टि की जाएगी।

पुलिस चारों आरोपित शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मोबीन खान, नरेंद्र प्रताप सिंह और संतोष कुमार शुक्ला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अभी तक किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। शैलेंद्र, उनकी पत्नी व बेटी के शव का गुरुवार को इटौंजा के असनहा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान गांव में सन्नाटा पसरा था। हर कोई इसी घटना की चर्चा कर रहा था।

शैलेंद्र के पिता भवानीदीन अध्यापक थे, जबकि माता आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर थीं। पिता का बहुत पहले देहांत हो गया था। माता रामदेबी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मां की जगह पर मृतक आश्रित के रूप में छोटे बेटे सत्येंद्र कुमार को जवाहर भवन में नौकरी मिली थी। इससे पहले सत्येंद्र ग्राम पंचायत असनहा के मजरा प्राथमिक विद्यालय भिखारीपुर में शिक्षा मित्र थे। शैलेंद्र अपने गांव बहुत कम जाते थे।

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