भागवत कथा सुनने मात्र से ही होता है आत्मिक ज्ञान-साध्वी कंचनप्रभा
भागवत कथा सुनने मात्र से ही होता है आत्मिक ज्ञान-साध्वी कंचनप्रभा
- श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की खुशी पर झूमे श्रोता गण
लखनऊ (हिंद मोर्चा संवाददाता) सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन जयनगर तकरोही निवासी सुकमावती त्रिपाठी पत्नी स्व.सुरेंद्र त्रिपाठी द्वारा किया गया है। जिसका शुभारम्भ विगत 15 नवम्बर दिन मंगलवार को कलश यात्रा के साथ धूमधाम से हुआ। कथा के चौथे दिन 18 नवम्बर दिन शुक्रवार को कथा वाचिका साध्वी कंचनप्रभा शुक्ला द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा विस्तार पूर्वक सुनाया गया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के सुनने मात्र से समस्त प्राणियों के सांसारिक दुःखो का अंत होता है तथा उसे आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस कथा के सुनने मात्र से पितरों को भी सदगति मिलती है। उन्होंने ने कहा कि यह दुनिया मोहमाया का जाल है। इसमें जन्म लेने वाले व्यक्ति सांसारिक भंवरजाल में फंसकर भगवान की भक्ति भूल जाता है। और जब वह बृद्धावस्था में आता है तो उसे भगवान की याद आती तब उसका शरीर साथ भी नही देता है कि वह प्रभु की भक्ति कर सके। अतः सांसारिक भंवरजाल से केवल श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण ही आपको पार करा सकता है।
उन्होंने कहा कि जब जब पृथ्वी पर पाप का अत्याचार बढ़ा तब तब प्रभु ने अवतार लिया। इसी प्रकार कंस के अत्याचारों का दमन करने के लिये श्रीकृष्ण भगवान के जन्म लिया। श्रीकृष्ण जन्म के कथा के साथ हीं शानदार झांकी भी निकली जिसमें अवनीश पांडेय जी बासुदेव की भूमिका में अपने सर पर टोकरी में कान्हा को लेकर श्रोताओं के बीच से निकले तो सभी ने खड़े होकर जयजयकार किया। उसके बाद जन्म की खुशी में सोहर गाना शुरू हुआ तो सभी श्रोता गण भक्तिसर में झूमने लगे पूरा पांडाल भक्तिमय हो गया। कथा मंडली में आचार्य रवि तिवारी,गायक कमल,तबलावादक विपुल,साउंड राज मिश्र आदि प्रमुख है।
इस दौरान श्रोतागण रमाकांत त्रिपाठी, अश्वनी त्रिपाठी,मधुसूदन मिश्र,आशीष त्रिपाठी,डॉ आशुतोष मिश्र,राहुल शुक्ला,साहूल शुक्ला,फुलपति त्रिपाठी,नगावली मिश्रा,जूही त्रिपाठी,अंजली मिश्रा,स्नेहा त्रिपाठी,अर्चना पांडेय,अर्चना त्रिपाठी,अद्वव,अन्वय,अभ्युदय,पीहू सहित सैकड़ो की संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।