Lucknow

अधिकार व सम्मान की रैली में लखनऊ की धरती पर पहुंचे प्रदेश भर के 1.5 लाख शिक्षा मित्र…Video

  • लखनऊ ईको गार्डेन में लाखों शिक्षा मित्रों की संख्या को देख सरकार में मची खलबली.
  • लखनऊ की धरती पर ताण्डव मचाने के लिए बेताब हैं प्रदेश भर के शिक्षा मित्र.

हिन्दमोर्चा न्यूज़ लखनऊ.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षा मित्रों का समूह बुधवार को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला के आह्वान पर लखनऊ की धरती इको गार्डेन में अपने अधिकार व सम्मान की रैली में प्रतिभाग किया। पूरा इको गार्डेन प्रांगण शिक्षा मित्रों से खचाखच भरा रहा।

अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश भर के करीब 1.5 लाख शिक्षामित्र सैकडों बस, कार, ट्रेन व बाईक से पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षा मित्रों की संख्या को देख सरकार सकते में आ गई है। इधर लखनऊ की धरती पर ताण्डव मचाने के लिए शिक्षा मित्र बेताब हैं। विधान सभा घेरने व रोड़ जाम करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान का इन्तजार कर रहे हैं।

यह माना जा रहा है कि अगर ईको गार्डेन से शिक्षा मित्र बाहर सडकों पर निकल गए तो लखनऊ में हाहाकार मच जाएगा। हालांकि सरकार से वार्ता के लिए शिक्षा मित्रों का प्रतिनिधि मण्डल गया है। यह भी बताया जा रहा है कि जब तक शिक्षा मित्रों का स्थायी समाधान सरकार नही निकालेगी तब तक शिक्षा मित्र ईको गार्डेन नही छोडेंगे क्यों कि शिक्षा मित्रों के सामने अब करो या मरो की स्थिति उत्पन्नं हो गई है।

परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2000 से शिक्षण कार्य कर रहे हैं शिक्षा मित्र:

शिक्षा मित्रों की उत्पत्ति उस समय हुई जब प्रदेश भर के परिषदीय विद्यालयों में ताला लटक रहा था। इस मंहगाई के दौर में मनरेगा मजदूर से कम मजदूरी पाकर शिक्षा मित्र नौनिहालों का जीवन संवारने में जुटा हुआ है फिर भी सरकार उन पर रहम नही दिखा रही है। कम पैसे देकर उन्हें मजदूरों से भी बद्दतर बना दिया है। वर्ष 2000 से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षा मित्रों की सुधि भाजपा सरकार नही ले रही है। शिक्षा मित्रों के सामने आर्थिक संकट खडा हो गया है। बच्चों की पढाई और शादी व बूढे मां बाप की परवरिश करना शिक्षा मित्रों के लिए चुनौती बन गया है।

चालीस हजार बेतन से घटाकर कर, योगी सरकार दे रही दस हजार मानदेय:

उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की पीड़ा सपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जब नही देखा गया तो उन्होनें स्नातक व दो वर्षीय बीटीसी पास शिक्षा मित्रों का वर्ष 2014 व 2015 में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन कर दिया था।

दो बैच में करीब एक लाख 37 हजार शिक्षा मित्रों को अखिलेश सरकार ने सहायक अध्यापक बनाया था जिन्हें करीब 40 हजार प्रतिमाह बेतन मिल रहा था लेकिन 25 जुलाई वर्ष 2017 में शिक्षा मित्रों से खार खाए दुश्मनों ने सुप्रीमकोर्ट से उनका समायोजन रद्द करा दिया जिसमें टेट पास शिक्षा मित्रों को भी सहायक अध्यापक पद से हटाकर शिक्षा मित्र बना दिया गया।

योगी सरकार ने 40 हजार बेतन पाने वाले शिक्षा मित्रों का मानदेय घटाकर मात्र 10 हजार कर दिया। शिक्षा मित्र करीब 7 साल से अपने खोए सम्मान को वापस पाने की लडा़ई लड़ रहा है लेकिन भाजपा सरकार ने सात वर्षों में ना ही समाधान निकाला, ना सम्मान वापस किया और ना ही एक रूपया आज तक मानदेय बढाया।

अवशाद में आकर दस हजार शिक्षा मित्रों की जा चुकी है जान:

समायोजन रद्द होने के बाद प्रदेश भर के करीब दस हजार शिक्षा मित्र अवशाद में आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिए। आखिर उनके मौत का जिम्मेदार कौन है। शिक्षा मित्रों की जिन्दगी समायोजन रद्द होने के बाद से बदतर हो चुकी है लेकिन फिर भी विद्यालय में शिक्षण कार्य करना शिक्षा मित्रों ने नही छोडा़।

शायद इस उम्मीद में शिक्षा मित्र विद्यालय में नौनिहालों का भविष्य संवार रहा है कि योगी की भाजपा सरकार भी उनके भविष्य को संवारेगी। यही आस लेकर बार बार लखनऊ की धरती पर आन्दोलन शिक्षा मित्र कर रहा है लेकिन अभी तक उनका समायोजन बहाल नही किया गया और ना ही उनका शिक्षक के बराबर मानदेय या बेतन किया गया। फिर भी अपमान का घूंट पीकर शिक्षा मित्र शिक्षण कार्य कर रहा है।

अधिकार व सम्मान और स्थायी समाधान मिले बिना लखनऊ से नही हटेंगे शिक्षा मित्र : शिवकुमार,

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला, प्रदेश महामंत्री सुशील यादव, संरक्षक गाजी इमाम आला, प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता शिव श्याम मिश्रा, प्रदेश कार्यकर्णी, जिलाध्यक्ष समेत जिला कार्यकारणी, ब्लाक अध्यक्ष समेत ब्लाक कार्यकारणी एव॔ं करीब डेढ़ लाख शिक्षा मित्र व उनके परिवार लखनऊ की धरती पर डेरा डालकर बैठे हैं। शिक्षामित्रों के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि जब तक हम लोगों को अधिकार व सम्मान तथा स्थाई समाधान नहीं मिल जाता, तब तक हम लोग लखनऊ की धरती से वापस नहीं लौटेंगे.

हिन्दमोर्चा टीम लखनऊ.

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