घोटाले समेत कई आरोपों में घिरे राजस्व परिषद अध्यक्ष के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल ने कोर्ट में किया सरेंडर, पुलिस ने घोषित कर रखा था इनाम
लखनऊ। घोटाले समेत कई आरोपों में घिरे पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल ने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। बता दें कि राजस्व परिषद में निजी सचिव रहे विवेकानंद लंबे समय से फरार थे। पुलिस ने उनपर इनाम भी घोषित किया था। विवेकानंद ने सुप्रीम कोर्ट से अरेस्ट स्टे भी लिया था पर समय पूरा होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। विवेचक की लापरवाही से कोर्ट में डोबरियाल ने आत्मसमर्पण कर दिया।
राजस्व परिषद के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद पर कई गंभीर आरोप हैं। विवेकानंद पर कर्मचारियों पर दबाव बनाकर वसूली का भी आरोप लगा है। मुकदमा दर्ज होने के पहले ही विवेकानंद भाग निकला था। डोबरियाल पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया गया था।
पुलिस की जांच से सच आया सामने
राजस्व परिषद अध्यक्ष के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल और उनके दो बेटे और पत्नी की संपत्तियों की जांच पुलिस कर रही है। पुलिस ने नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण से उनकी लखनऊ सीमा में दर्ज संपत्तियों का ब्योरा मांगा था। नगर निगम के सभी आठों जोनल अधिकारियों से विवेकानंद डोबरियाल, उनकी पत्नी संतोष, बेटे समीर और सरल के नाम नगर निगम के अभिलेखों में दर्ज संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी गई। यह जानकारी सहायक पुलिस आयुक्त योगेश कुमार ने मांगी थी।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामाला
विवेकानंद डाेबरियाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 120 बी, 384, 420,465,405, 471 के अलावा पीसी एक्ट 7, 13(1) (बी) के तहत कैसरबाग थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसकी जांच सहायक पुलिस आयुक्त योगेश कुमार कर रहे हैं। इसमे विवेकानंद पर राजस्व परिषद में सेवा में रहते हुए और सेवानिवृत्त के बाद छलपूर्वक अनुचित तरीके से धन अर्जित करने का आरोप लगाया गया है। जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त ने विवेकानंद डोबरियाल, उनकी पत्नी संतोष, बेटे समीर और सरल के नाम लखनऊ में दर्ज भूखंड, भूमि, भवन व अन्य अचल संपत्ति का विवरण लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम से मांगा था।