सपना बनकर रह गई टांडा रेलवे स्टेशन पर सवारी गाड़ी
टांडा(अम्बेडकरनगर) : टांडा रेलवे स्टेशन पर सवारी गाड़ी टांडा क्षेत्र के लोगों के लिए सपना बनकर रह गई है। एक लंबे अर्से से औद्योगिक नगर टांडा से कानपुर के बीच पैसेंजर गाड़ी चलाने की मांग की जा रही है, लेकिन यह मांग आज तक पूरी नहीं हो सकी। सरयू नदी के तट पर स्थित औद्योगिक नगरी टांडा के औद्योगिक महत्व को देखते हुए अंग्रेजों ने यहां रेल की पटरी बिछाई थी।
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टांडा व अकबरपुर के मध्य सूरापुर स्टेशन भी स्थापित किया गया। रेलवे द्वारा इस मार्ग पर मालगाड़ी में दो डिब्बे यात्रियों को आने-जाने के लिए जोड़ दिए गए, जो कि सुबह शाम आती जाती थी। बाद में यह सेवा भी बंद हो 10 फरवरी 1993 से यात्री ट्रेन का संचालन बंद है।
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ब्रिटिश सरकार ने टांडा के वस्त्र उद्योग को शिखर पर पहुंचाने और सुलभ आवागमन के लिए रेल लाइन बिछवाई थी। टांडा रेल मार्ग पर अब केवल मालगाड़ी आती है जो एनटीपीसी का कोयला और सीमेंट फैक्ट्री का क्लिंकर लेकर आती है प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने टांडा रेल लाइन पर यात्री ट्रेन चलाने की मांग की हैl