रेलवे डंपिंग यार्ड से सीमेंट फैक्ट्री तक दिन-रात ढोए जा रहे क्लिंकर की धूल से हजारों की आबादी का जीना दुश्वार
टाडा (अम्बेडकरनगर)टांडा के रेलवे डंपिंग यार्ड से सीमेंट फैक्ट्री तक दिन-रात ढोए जा रहे क्लिंकर की धूलने से हजारों की आबादी का जीना दुश्वार हो गया है। धूल उनके कपड़ों से लेकर खाने पीने की चीजों और पेड़-पौधों को नष्ट कर रही है। यहां के कश्मीरिया से लेकर बिजली विभाग तक के बाशिंदे क्लिंकर की धूल से परेशान है इसी क्लिंकर की धूल के कारण वनविभाग की पौधशाला बर्बाद हो गयी जिससे हजारों पेड़ सूख गये है फतेहपुर कन्हौडा में स्थित सीमेंट फैक्ट्री की गैर जिम्मेदार नीतियों से पर्यावरण दूषित हो रहा है ।प्रदूषिण के कारण कई जानवर मर चुके है ।
टाण्डा रेलवे डंपिंग यार्ड पर बड़े स्तर पर कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाली क्लिंकर को बाहर से मंगाया जाता है। रोजाना मालगाड़ी से आने वाली क्लिकर को पहले टांडा डंपिंग यार्ड में उतारा जाता है। फिर ट्रकों पर लोड कर सीमेंट फैक्ट्री पहुंचाया जाता है। इस दौरान धूल का गुबार उड़ता रहता है। यह सड़क से लेकर इसके किनारों पर बसे घरों तक में पहुंचता है।
राहगीरों के कपड़ों पर धूल की एक परत जम जाती है। घरों में रखी खाने-पीने की चीजें तक बेकार हो जाती है। क्लिंकर भरे ट्रको के दिन-रात दौड़ने से कश्मीरियों से बिजली विभाग तक धूल ही धूल दिखाई पड़ता है इसी धूल के नाते यहां रहने वाले बाशिंदों का जीना हराम हो गए और डंपिंग यार्ड खुला होने से वन विभाग की पौधशाला पूरी तरह बर्बाद हो गई है हजारों पर नष्ट हो गए हैं।
इन पेड़ों की पत्तियों पर धूल की परत जम जाती है जिससे हजारों पेड़ सूख गये है जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है सीमेंट फैक्ट्री के गैर जिम्मेदार नीतियों से लोगो का जीवन संकट में पड़ गया है क्लिक करके भयंकर प्रदूषण की चपेट में आने से कई जानवरों की मौत हो गई भयंकर प्रदूषित से लोग बीमारियों के शिकार हो रहे है स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री से सीमेंट फैक्ट्री पर प्रदूषण फैलाने के एवज में मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।