महराजगंज के सोहगीबरवा सेंक्चुरी में बाघों की गणना पूरी, देहरादून में नमूनों की होगी जांच!
हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज!
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश पर सोहगीबरवा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में बाघ गणना की प्रक्रिया वन विभाग ने पूरी कर ली है। आठ मार्च से 15 मार्च तक चली गणना की रिपोर्ट फिल्ड डायरेक्टर लखीमपुर खीरी को भेज दी गई है। वहां से प्रदेश के सभी जिलों के बाघ गणना में एकत्र नमूनों की रिपोर्ट जांच के लिए देहरादून भेजी जाएगी। जांच के बाद पता चल पाएगा कि सेंक्चुरी क्षेत्र में टाइगर हैं कि नहीं और मांसाहारी व शाकाहारी वन्यजीवों की कितनी मौजूदगी है।
नेपाल बार्डर व बिहार के वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व से सटा सोहगीबरवा सेंक्चुरी 428 वर्ग किलोमीटर में फैला है। एनटीसीए के निर्देश पर आठ मार्च से 15 मार्च तक एक साथ सेंक्चुरी के सभी सात रेंज के 36 बीट में बाघ गणना कराई गई। बीट प्रभारियों के नेतृत्व में वनकर्मियों ने सभी रेंज में पांच किलोमीटर तक साइन सर्वे किया। इसके अलावा हर बीट में दो-दो किलोमीटर तक ट्रांजिट लाइन (जहां से टाइगर या तेंदुए के आने-जाने के पदचिह्न मिलते हैं) का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे के दौरान वन्यजीवों के मिले पदचिह्न, मल, पेड़ पर पंजा मारने के स्क्रैच का नमूना एकत्र किया गया। इस दौरान अगर कहीं कोई वन्यजीव मिला तो उसकी लोकेशन के साथ फोटो एकत्र कराए गए। इसके बार रिपोर्ट तैयार कर लखीमपुरी खीरी भेज दी गई।
प्लॉट बनाकर वनस्पति व पेड़-पौधों का भी सर्वे!
बाघ गणना के लिए ट्रांजिट लाइन के आसपास तीन मीटर, पांच मीटर व 15 मीटर का प्लाट बनाकर उसमें मौजूद पेड़, पौधे, घास आदि का ब्योरा एकत्र किया गया। इसके लिए पूरे प्रदेश में एक साथ 8 मार्च से 15 मार्च तक सुबह-शाम सर्वे किया गया।
सोहगीबरवा सेंक्चुरी में बाघ गणना का काम पूरा कर लिया गया है। सोमवार को रिपोर्ट फील्ड डायरेक्टर लखीमपुर खीरी के कार्यालय को भेज दी गई है। रिपोर्ट की जांच के बाद ही तय होगा कि सेंक्चुरी में किस-किस प्रजाति के वन्यजीव हैं?