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टांडा क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक चल रहे अवैध नर्सिंग होम, गरीबों का शोषण कर वसूली जा रही हैं मोटी रकम

टांडा(अम्बेडकरनगर). टांडा क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक अवैध रूप से नर्सिंग होम चल रहे हैं। जहां इलाज के नाम पर मरीजों से पैसे की उगाही की जाती है। गरीबों का शोषण कर  मोटी रकम वसूली जा रही हैं।  टांडा क्षेत्र के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिंग होमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं अच्छे इलाज के नाम पर मरीज लूटे जा रहे हैं।क्षेत्रों में तमाम नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। नर्सिंगहोम संचालकों ने गांवों में मौजूद झोलाछाप डाक्टरों से संपर्क बना लिया है।

जिससे झोलाछाप डाक्टर पहले ग्रामीण मरीजों का खुद इलाज करते हैं। ठीक न होने पर वे संपर्क वाले नर्सिंग होम में लेकर चले जाते हैं। जहां अच्छा इलाज के नाम पर मरीजों को खूब लूटा जाता है। इसके बदले झोलाछाप डाक्टरों को भी मोटा कमीशन दिया जाता है,स्वास्थ्यविभाग की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक और लैब संचालकों के हौसले बुलंद हैं। क्षेत्र में एक  दर्जन  क्लीनिक और लैब  संचालित हो रहे हैं।

संचालकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने से अवैध नर्सिंग होम के संचालको की मनमानी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से चिकित्सा के नाम पर अवैध कारोबार किया जा रहा है। मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के बाद भी उन्हें समुचित उपचार मुहैया नहीं कराया जा रहा है।

यहाँ के अधिकतर नर्सिंग होम, क्लीनिक और पैथोलाजी संचालक अवैध तरीके से इनका संचालन कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने भी पहुंचते हैं। इसके बाद भी इनमें से अधिकतर संचालकों ने अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया है। ज्यादातर नर्सिंग होम मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों का है ये डॉक्टर नान प्रैक्टिस भत्ता लेने के बाद भी धड़ल्ले से अपने नर्सिंग होम में ऑपरेशन कर रहे हैं ऑपरेशन का यहां कोई रेट निर्धारित नहीं है मनमाने तरीके से 25 से 30 हजार रूपया वसूल लिया जाता है.

इन नर्सिंग होमों में मेडिकल स्टोर भी चलाए जा रहे हैं मरीज के आते ही डॉक्टरों द्वारा जांच लिख दिया  जाता है पैथोलॉजी में मोटी रकम  होने के नाते चिकित्सक आते ही जांच लिख देते  है जिससे मरीज हैरान और परेशान हो जाते है  यहां पल पल पर मरीजों का आर्थिक शोषण होता है सरकारी में संसाधन ना होने के नाते मजबूरी में लोग प्राइवेट चिकित्सकों के यहां ऑपरेशन कराने के लिए विवश होते हैं लोगों ने नर्सिंग होम संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है.

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