Video News : जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में त्रिदिवसीय कारा-क्रीड़ोत्सव का हुआ समापन
जेल अधीक्षक, श्रीमती हर्षिता मिश्रा द्वारा नित-नूतन प्रयास कर श्रेष्ठ कार्यों को पहनाया जा रहा अमली जामा
अम्बेडकरनगर। कारागार को वस्तुतः बंदी सुधार-गृह के रूप में परिणित करने हेतु दृढ़-संकल्पित भाव से सतत निरंतर अग्रसर जेल अधीक्षक द्वारा स्थानीय कारागार में समय-समय पर अनेक जीवटता से परिपूर्ण कार्यों व नित-नूतन प्रयासों द्वारा जेल का कायाकल्प अधीक्षक, श्रीमती हर्षिता मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। उनकी यह मुहिम अपना रंग लाने में शनैःशनैः कामयाबी भी हासिल कर रही है।
जेल अधीक्षक एक बेहद अनुभवी, सदाशयी एवं जुझारू अधिकारी होने के साथ-साथ अपने अधीनस्थों की टीम की कुशल नेत्री हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उनके द्वारा त्रिदिवसीय शीतकालीन कारा-क्रीड़ोत्सव का आज समापन किया गया। जिसके अंतर्गत कारागार में निरुद्ध बंदियों एवं बंदिनियों के मध्य रस्साकशी, शतरंज, लूडो, कैरम व अंताक्षरी प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया गया।
जिसमें बंदियों व बंदिनियों द्वारा परम उत्साह से युक्त होकर प्रतिभाग किया गया। ओमिक्रोन के गहराते ख़तरे के मद्देनज़र जेलयाफ़्ताओं को अवसाद से बचाने हेतु एक सोच इसके पीछे काम कर रही थी। लूडो प्रतियोगिता में सोनू-अनीता प्रथम, नीरज-सुनीता मिश्रा द्वितीय व प्रीति-सुनीता तृतीय स्थान पर; एवं पुरुषों में बंदी आकाश- विनय प्रथम, मनोज-सुरेश द्वितीय एवं अंगद-विनोद द्वारा तृतीय प्राप्त किया गया।
तथा नवनियुक्त जेल वार्डर्स में टीम A विजयी रही। शतरंज प्रतियोगिता में पारस-अर्जुन में से अर्जुन एवम कैरम प्रतियोगिता में मो. कैस ने जीत हासिल की। इस शीतकालीन कारा-क्रीडो़त्सव के सफलतापूर्वक संपन्न कराने में कारापाल, श्री गिरिजा शंकर यादव, उपकारापालगण श्रीमती रंजना शुक्ला व श्री छोटेलाल की भूमिका सराहनीय रही।
इस अवसर पर कारागार के अन्य सभी कर्मियों ने उपस्थित रहकर समस्त टीमों का मनोबल बढ़ाया। जेल अधीक्षक श्रीमती मिश्रा ने बंदियों को संबोधित करते हुए जीवन में खेलकूद के महत्व पर जानकारी दी, तथा भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु बंदियों को प्रेरित करते हुए अपने संबोधन में कहा कि बंदियों में सुधार हेतु इस तरह के कार्यक्रमों को सदैव आयोजित किया जाता रहेगा।
बंदी उत्साहपूर्वक अनुशासन में रहकर खेलकूद में हिस्सा लेते हुए अपने जीवन में सहयोग व सामंजस्य के महत्व को समझें। वहीं सोशल मीडिया व मेनस्ट्रीम मीडिया से आए सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपने स्टाफ़ द्वारा अपनाए जा रहे सौहार्द्र की भी सराहना की।