क्रिमिनल बैकग्राउंड के उम्मीदवारों को टीवी-अखबार में बताने होंगे अपने ‘कारनामे’, नहीं चलेगी ‘जिताऊ’ वाली दलील
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में जिताऊ की दलील के साथ आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार उतारना राजनीतिक दलों के लिए आसान नहीं होगा। उन्हें अखबारों और टीवी चैनलों पर विज्ञापन देकर ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। ऐसे उम्मीदवार को अपने स्तर पर भी विज्ञापन देकर अपने बारे में जनता को पूरी जानकारी देनी होगी।
उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आई चुनाव आयोग की टीम ने गुरुवार को अपने दौरे के आखिरी दिन लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि समय पर चुनाव हों। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से राय ली गई है।
ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी की कोशिश की। पुलिस प्रशासन से भी इंतजाम पर बात की गई है। इस बार चुनाव में किए जाने वाले प्रावधानों की विस्तार से जानकारी देने हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य शर्त के तौर पर विज्ञापन देकर आपराधिक रिकार्ड की जानकारी सार्वजनिक किए जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि अपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टीवी और अखबार में विज्ञापन देकर बताना होगा कि उनके खिलाफ कौन से केस दर्ज हैं। इसके अलावा राजनीतिक दलों को बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को क्यों चुना है। इसके लिए यह दलील नहीं दी जा सकती है कि वह जिताऊ है। इससे जनता के सामने सभी उम्मीदवारों की सही सूचना होगी। बाकी जनता सुप्रीम है, वह फैसला ले सकती है।
11 हजार बूथ बढ़ाए गए
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यूपी में करीब 15 करोड़ वोटर हैं। यूपी में 52 लाख से ज्यादा नए वोटर्स हैं। 800 पोलिंग स्टेशन पर महिला पोलिंग अधिकारी की तैनाती होगी। चुनाव आयोग ने कहा कि 5 जनवरी तक फाइनल मतदाता सूची जारी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना की वजह से बूथों पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या में कमी की गई है। इसके लिए पोलिंग बूथ की संख्या को 11 हजार तक बढ़ाया जाएगा।
बुजुर्गों-दिव्यांगों को घर पर वोटिंग की सुविधा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार बुजुर्गों-दिव्यांगों और कोरोना संक्रमितों को घर से वोट करने की सुविधा दी जाएगी।