उरे लखनऊ मंडल में हराम का वेतन ले रहे गार्डो एवं रेल चालकों में मचा हङकंप, रेलवे चलाने जा रही है चाबुक
लखनऊ /उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में लगभग चार दर्जन रेलवे के गार्ड एवं रेल चालकों में रेलवे बोर्ड द्बारा जो फैसला लिया गया है. उसको लेकर हङकंप मचा हुआ है लेकिन अब देखना ये है कि क्या यूनियनों के आगे रेलवे बोर्ड का यह नियम लखनऊ मंडल में लागू हो पायेगा।
मिली जानकारी के अनुसार मुरादाबाद मंडल के एक अधिकारी ने फोन पर बताया है कि मुरादाबाद मंडल में जितने भी गार्ड एवं रेल चालक हैं और यूनियन के तथा कथित नेता का चोला पहनकर मौज मस्ती कर रहे हैं उनको अब प्रत्येक माह में 7000/किमी ट्रेन चलाना अनिवार्य होगा। रेल के सूत्रों के अनुसार मुरादाबाद मंडल में यूनियन के कुछ ऐसे गार्ड एवं रेल चालक हैं जो महीने में 2000 किमी० से भी कम दूरी की मालगाङी एवं मेल एक्स प्रेस की गाङी चलायी है ऐसे लोगों को मुरादाबाद रेल प्रशासन ने नोटिस (चार्जशीट) जारी करके पूंछा है। जिससे यूनियनों में खलबली मच गयी है।
बतातें चलें की लखनऊ मंडल में कुछ गार्ड एवं रेल चालक ऐसे हैं जो कभी भी ट्रेन नहीं चलायी और अधिकारियों की दलाली एवं जी हुजूरी करके लाखों रूपया प्रति माह वेतन आहरण कर रहे हैं, और कुछ ऐसे गार्ड एवं रेल चालक हैं जो यूनियनों के साथ ही साथ ओबीसी एवं एससी एसटी एसोसिएशन के पदाधिकारी बनकर दिन भर सरकार के खिलाफ आन्दोलन करते हैं और कोसते नजर आते हैं।
सूत्रों ने बताया कि एक ऐसा गार्ड है जो परिचालन विभाग के एक अधिकारी के यहां मलाई काट रहा है और अधिकारियों के नाम पर अवैध वसूली करने में लिप्त है। इस तरह से लगभग चार दर्जन गार्ड एवं इतने ही रेल चालक घर बैठकर सरकार को चूना लगा रहे हैं अब देखना ये है कि क्या लखनऊ मंडल के अधिकारी इन भ्रष्ट कर्मियों पर लगाम लगाने में कामयाब हो जायेंगें।