उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एक चर्चित यूनियन के अवसरवादी कृत्य को लेकर विस चुनाव के दौरान कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त
आम आदमी पार्टी से लेकर अन्य दलों में भी कर चुका है सफर
इस चुनाव में निजी स्वार्थ को हल करने के लिए बीजेपी का कर रहा प्रचार
ओ. पी. सिंह वैस
लखनऊ / उत्तर रेलवे में एक चर्चित यूनियन का नेता जो भाजपा का धुर विरोधी रहा इन दिनों इसी पार्टी की शरण में है, को लेकर कर्मचारियों का विरोध शुरु। इस यूनियन के नेता की कार्यशैली को लेकर लखनऊ कैंट की चारों विधान सभा क्षेत्रों के लोगों में आक्रोश व्याप्त है जिससे
मौजूदा चुनाव में भाजपा का नुकसान होना तय बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर रेलवे का एक चर्चित नेता जो क्ई पार्टियों में भाजपा को हराने के लिए ऐंङी से चोटी तक लगा रखा और 2017 के विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास के शह पर रेल कर्मियों के साथ मीटिंग भी कर चुका है और भाजपा को हराने का
कार्य किया। ये वही नेता है जो रेल कर्मियों को एनपीएस को हटाकर पुरानी पेंशन लागू कराने का वादा कर चुका है ज्ञात हो कि यही भाजपा सरकार 1999 NPS लागू की है।
और उस पर दोनों यूनियनों के नेता सहमति दे चुके हैं। लेकिन जब यह नेता असफल हो गया तो अपनी कुर्सी बचाने के लिए आखिरी बार भाजपा के एक दल बदलू नेता के प्रभाव से भाजपा में सेंध लगायी और भाजपा का वोट बैंक बिखेरने में सक्रिय हो गया जिससे वह भाजपा से अपनी पुरानी खुन्नश का बदला ले सके।ये वही नेता है जिसके ऊपर तमाम कर्मचारियों का शोषण का आरोप लग चुका है और इसके पारिवारिक सदस्यों को रेल घर बैठे वेतन दे रही है।
ये वही नेता है जो कोरोना काल के दौरान यह आश्वासन देकर जबरदस्ती 500-500 रूपया कर्मचारियों से वसूला गया कि करोना काल के दौरान सीज 18 माह का डीए दिलाया जायेगा। रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि यह नेता कभी भी सरकार का विरोध न करके ठेकेदारी प्रथा का बढावा देने वाली भाजपा के गोद में समाहित हो गया क्योंकि यह अपनी अवैध संपत्ति को बचाने के लिए सरकार का समर्थन कर रहा हैl
लेकिन यह बात तत्कालीन पूर्व मंत्री एवं कैंट के भावी विधायक के समझ में नहीं आया कि जो तथा कथित रेल का नेता लखनऊ कैंट से चुनाव लङने के लिए क्ई तथा कथित पार्टियों का दरवाजा खटखटा चुका है और भाजपा को हराने के लिए तरह -तरह से हथकंडा अपना चुका है और अमेठी में गैर कानूनी ढंग से रेल कर्मियों के साथ मीटिंग भी कर चुका हैl
इसका जीता जागता उदाहरण प्रस्तुत है कि लगभग दो -ढाई वर्ष पहले तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल जो लखनऊ स्टेडियम में एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे इस चर्चित नेता के गुर्गो ने हमला करने का प्रयास किया लेकिन स्थानीय पुलिस के चलते कोई अप्रिय घटना नहीं हो सकी। परन्तु जब पूर्व कानून मंत्री लखनऊ कैंट से चुनाव लङ रहे हैं तो यह नेता फिर अपनी चाणक्य नीति अपनायी और सफल हो गया।
एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि लखनऊ कैंट इलाके में आने वाले रेल कर्मियों में रोष व्याप्त है और भाजपा के खिलाफ लामबंदी शुरु कर दिया है और ये आक्रोशित भाजपा समर्थित रेल कर्मी दूसरे पार्टी की तरफ रुख कर रहे हैं जानकार लोगों ने बताया कि जो व्यक्ति पीठ में छुरा घोंपने का कार्य कर रहा है और उसे भाजपा अपने साथ महिमा मंडित कर रही है। जिससे अब लखनऊ कैंट का चुनाव दिल चस्प मोङ पर पहुंच चुका है।