उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अकबरपुर स्टेशन पर तैनात आरक्षण पर्यवेक्षक काली कमाई के जरिए बना धनकुबेर, लगा जमीन बैनामा कराने की होड़ में
Report : Pradeep Pathak
👉इन संपत्तियों को अर्जित करने में विभाग से नहीं लिया है अनुमति
लखनऊ | उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के स्टेशन अकबरपुर पर तैनात जिस आरक्षण पर्यवेक्षक के खिलाफ शिकायत का मामला आया है, उसके द्वारा अकबरपुर नगर में जनीने नौकरी कार्यकाल में क्रय की गई हैं। इस अर्जित संपत्ति का ब्यौरा भी विभाग को नहीं दिया गया है। ज्ञात हो कि शिकायती पत्र के अनुसार आप सुधी पाठकों ने गत दिवस के अंक में ” उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आरक्षण पर्यवेक्षक ने 17 साल की नौकरी में बनाई ढाई करोड़ की संपत्ति ” के शीर्षक की खबर प्रकाशित है जिसे पढ़ा होगा।
*उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आरक्षण पर्यवेक्षक ने 17 साल की नौकरी में बनाई ढाई करोड़ की संपत्ति*
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आरक्षण पर्यवेक्षक ने 17 साल की नौकरी में बनाई ढाई करोड़ की संपत्ति
इस शिकायती पत्र के अनुसार आरक्षण पर्यवेक्षक द्वारा इस कार्यकाल में टिकट के लिए आए दूरदराज से जरूरतमंदों को तरजीह नहीं दी गई क्योंकि दलालों के जरिए टिकट की कालाबाजारी उसकी आदत में शुमार है। काली करतूत से प्रतिदिन 6 से 7000 रुपए नाजायज कमाई कर धनकुबेर बनता जा रहा है।
इस आरक्षण पर्यवेक्षक ने अकबरपुर नगर में बेशकीमती जमीन मीरानपुर, बसखारी रोड नासिर पुर के अलावा अन्य वार्डों में 22 बिस्वा से अधिक जमीन स्वम व पत्नी सविता के नाम बैनामा लिया है जिसकी वर्तमान में प्रति विस्वा 13 से 14 कीमत लाख बताई जा रही है |
पत्र में शिकायतकर्ता ने कहा है कि रेल विभाग के नियम में अधिकारी को हर साल एवं कर्मचारी को 5 वें साल संपत्ति का ब्यौरा दिए जाने का प्रावधान है और किसी चल एवं अचल संपत्ति की खरीद में पहले संबंधित कर्मचारी को विभाग से अनुमति लेना चाहिए लेकिन इस आरक्षण पर्यवेक्षक द्वारा नियम का पालन नहीं किया गया है।
मनमानी तरीके से भ्रष्टाचार में आकंठ होकर अपनी संपत्ति में इजाफा कर रहा है।उक्त के संबंध में रेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से उनका पक्ष जानने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया गया किंतु कॉल रिसीव ना होने से पक्ष नहीं जाना जा सका ।