Lucknow : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश जहां आजमगढ़ सीट से चुनाव जीता था वहीं आजम खान रामपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अखिलेश मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट तो आजम खान रामपुर सीट से विधायक चुने गए हैं।
दोनों ने सांसदी छोड़कर विधायक बने रहने का फैसला किया है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले आजमगढ़ और रामपुर लोस सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और सपा एक बार फिर आमने-सामने होंगी। नियमों के मुताबिक एक साथ दो सदनों का सदस्य नहीं रहा जा सकता इसलिए दोनों को सांसदी या विधायकी में से एक छोड़नी थी।
मंगलवार दोपहर सपा मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा पहुंचे। उनके साथ पार्टी नेता और उनके चाचा रामगोपाल यादव भी थे। अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। इस बारे में समाजवादी पार्टी का कहना है कि अखिलेश अब विधानसभा में रहकर यूपी की जनता की लड़ाई लड़ेंगे।
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav going to Lok Sabha Speaker Om Birla's office to resign from his membership of the House.
In the recently held Uttar Pradesh elections, he was elected as an MLA from the Karhal seat. pic.twitter.com/IBjc4jqr8t
— ANI (@ANI) March 22, 2022
लोकसभा में घट गई सपा की संख्या
अखिलेश और आजम खान के इस्तीफे के साथ ही लोकसभा में सपा के सांसदों की संख्या पांच से घटकर तीन हो गई है। इनमें मैनपुरी से सांसद मुलायम सिंह यादव, मुरादाबाद से एसटी हसन और संभल से शफीकुर्रहमा बर्क शामिल हैं।
उपचुनाव में होगा कड़ा मुकाबला?
नियमों के मुताबिक अगले छह महीने के अंदर आजमगढ़ और रामपुर में उपचुनाव होगा। समाजवादी पार्टी और भाजपा दोनों इन सीटों पर पूरी ताकत झोकेंगी। वैसे दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है। आजमगढ़ में विधानसभा चुनाव में भी सपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। इस्तीफा देने से पहले अखिलेश यादव ने आजमगढ़ के नेताओं और पार्टी के रणनीतिकारों से काफी विचार विमर्श किया है। सांसदी छोड़ने से पहले अखिलेश सोमवार को आजमगढ़ गए भी थे। वहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि पार्टी दोनों सीटों से कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारेगी। वहीं भाजपा नेता भी दावा कर रहे हैं कि पार्टी दोनों ही सीटों पर जीत हासिल करेगी।