UP : Family Suicide आर्थिक तंगी से परेशान पूरे परिवार ने पीया जहर, पति-पत्नी की मौत, पुत्री गंभीर
कुशीनगर। कुशीनगर के पटहेरवा थाना क्षेत्र के गांव अमवा श्री दूबे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे कुनबे ने मंगलवार की रात पेय पदार्थ में जहरीला रसायन मिलाकर पी लिया। स्थिति खराब होने पर स्वजन फाजिलनगर सीएचसी ले गए। वहां से चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रास्ते में युवक की मृत्यु हो गई तो बुधवार की सुबह जिला अस्पताल में उपचार के दौरान पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। पुत्री की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
पिता की हालत भी गंभीर
पुत्र और पतोहू के मृत्यु से सदमें में आए वृद्ध पिता की हातल भी गंभीर बताई जा रही है। उन्हें गोरखपुर भर्ती कराया गया है। पुलिस कार्यवाही में जुटी है। 50 वर्षीय रामप्रवेश गुप्ता की तीन संताने हैं। बड़ा बेटा अजीत कुमार गुप्ता पहले मुंबई मुंबई रहकर रोजगार करता था। दूसरा पुत्र गोलू विदेश रहता है। तीसरा पुत्र अमन पुणे रहता है। छह वर्ष पूर्व अजीत को इंसेफेलाइटिस हुआ था। काफी उपचार के बाद वह ठीक तो हुआ, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ रहता था। कोर्णाक आल में रोजगार छुन जाने के कारण एक वर्ष से वह पत्नी 32 वर्षीय सिंधू, 10 वर्षीय पुत्री नंदिनी व आठ वर्षीय पुत्र अंशू के साथ घर रह रहा था। रोजगार नहीं मिलने के कारण कुनबा आर्थिक तंगी का शिकार था।
पहले खुद पीया जहर, फिर पत्नी व बेटी को पिलाया
मंगलवार की शाम दंपती घर वालों से दवा खरीदने की बात कह कर घर से निकला। देर शाम लौटे तो ठंडा पेय पदार्थ की बोतल लेकर आया। आठ वर्षीय पुत्र अंश के अनुसार पिता ने सबको कमरे में बुलाकर फाटक बंद कर लिया। ठंडा की बोतल में जहरीला पदार्थ मिलाकर अजीत सबको पिलाने लगा। पत्नी ने मना किया तो उसे और पुत्री को उसने जबरन जहरीला पदार्थ पिलाकर खुद भी पी लिया।
अंशु किसी तरह अपने को छुड़ाकर भाग गया। दंपती की मृत्यु हो गई। 48 वर्षीय माता उषा देवी बदहवास घर पड़ी हुई हैं। वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि दंपती ने पुत्री के साथ ठंडा में जाहरीला पदार्थ मिलाकर पीया था।
घटनास्थल पर पहुंचे एएसपी
एएसपी रितेश कुमार सिंह दोपहर बाद दो बजे घटनास्थल पर पहुंचे और चश्मदीद बच्चे अंश से जानकारी ली। स्वजन से भी बातचीत की और पूछा कि कोई आपसी कलह का तो मामला नहीं था। इस पर जवाब मिला कि ऐसा कुछ भी नहीं था। आर्थिक रूप से परेशान चल रहा था। आय का कोई जरिया नहीं था।