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UP : जब मियां-बीवी राजी फिर क्यों विलेन बने दारोगा जी, एक चौकी प्रभारी का कारनामा

कानपुर। पति-पत्नी के बीच विवाद के बावजूद रिश्ते सलामत रहें, इसके लिए पारिवारिक समझौता केंद्र की व्यवस्था की गई। मगर, रेल बाजार में मारपीट व दहेज प्रताडऩा की धाराओं में कायम एक मुकदमे में विवेचक दारोगा पति-पत्नी का रिश्ता तुड़वाने पर तुले हुए हैं। दारोगा ने मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाने के लिए खर्चा-पानी की मांग की थी, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई तो पति और उसके घरवालों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। खास बात यह है कि विवाद के कुछ दिनों के बाद पति-पत्नी में समझौता हो गया और दोनों एक साथ रहते हैं। पत्नी ने समझौतानामा भी दे दिया था, मगर दारोगा जी हैं कि मान नहीं रहे। हालत यह है कि दो महीने पूर्व जब यह मामला डीसीपी के पास पहुंचा तो उन्होंने भी चार्जशीट निरस्त कर एफआर लगाने का आदेश दिया था, मगर विवेचक टस से मस नहीं हो रहे।

रेल बाजार के सुजातगंज निवासी यास्मीन अंसारी ने 31 जुलाई 2021 को अपने पति आफाक अंसारी, सास शाहीन बानो, ननद हिना और देवर इश्तियाक के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपित सास शाहीन बानों ने बताया कि मामले की जांच सुजातगंज चौकी प्रभारी मुकेश कुमार कर रहे हैं। उन्होंने उनके छोटे बेटे को बुलाकर पैसा देने के लिए कहा था, ताकि वह मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाकर मामला समाप्त कर दें।

मगर, तब तक बेटे-बहू का विवाद समाप्त हो चुका था और दोनों उन्नाव में एक साथ रहते हैं। सास के मुताबिक बहू उनसे जबरन संपत्ति अपने नाम करवाना चाहती है। मना करने पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। उसकी इस संबंध में बातचीत का आडियो भी पुलिस को दे चुकी हैं। इसके अलावा बहू समझौतानामा लेकर विवेचक के पास पहुंची, मगर उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया, बल्कि बहू को भड़काया कि वह केस को वापस न लें।

शाहीन बानो ने बताया कि दो महीने पहले वह पूरे दस्तावेजों व तथ्यों को लेकर डीसीपी पूर्वी से मिली थीं, तो उन्होंने विवेचक को तलब किया और चार्जशीट निरस्त करने का आदेश दिया था। मगर, दो महीने बाद भी दारोगा जांच को आगे नहीं बढ़ा रहे। डीसीपी पूर्वी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामले में जांच कराकर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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