NR लखनऊ मंडल में कमीशन खोरी को लेकर यूनियन एवं रेल प्रशासन आमने सामने
लखनऊ / लखनऊ मंडल नेतागिरी एवं भ्रष्टाचार को ले कर चर्चा में सदा बना रहता है। जिससे एक बार फिर रेलवे प्रशासन एवं रेलवे की यूनियन के नेता आमने -सामने आ गये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल में लगभग सैकङो दर्जन गार्ड एवं इतनी ही संख्या में रेल चालक की तैनाती बतायी जाती है जो अधिक भी हो सकती है अथवा कम भी हो सकती है। रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर पूरे रेलवे में लागू कर दिया कि सभी गार्ड एवं चालकों को अब ट्राली बैग उपलब्ध कराया जायेगा क्योंकि अभी तक रेलवे में बङा वाला बाक्स दिया जा रहा था।
जिसे टेन्डर के द्बारा ठेकेदारों द्धारा ये बाक्स उपलब्ध कराया जाता रहा, जिससे जहां एक तरफ प्राईवेट ठेकेदारों द्धारा खुलेआम संविदा कर्मियों का भारी शोषण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ रेलवे से मिलने वाली राशि को खुद हजम कर जाता है एक बाक्स पोर्टर को इन ठेकेदारों द्धारा मात्र 8000 रुपया प्रति माह वेतन दिया जाता है। लेकिन जब रेलवे प्रशासन अब ठेकेदारों को हटाकर ख़ुद ट्राली बैग देने जा रही है तो ये यूनियनों के नेता विरोध क्यों कर रहे हैं ?ये सोचनीय विषय है।
सूत्रों के अनुसार ठेकेदारों द्बारा कुछ तथा कथित नेताओं को कमीशन दिये जाने का मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। एक सूत्र ने फोन पर बताया कि यूनियनों के नेता रेल को बराबर निजी करण से बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं तो फिर जब सरकार ठेकेदारी को खत्म करना चाहती है तो फिर क्यों इसका विरोध हो रहा है।
जानकार लोगों ने बताया कि ये यूनियनों के दिल में देश को बेचने का आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि ये कर्मचारियों को गुमराह करके कहते हैं कि रेल में ठेकेदारी प्रथा बंद होनी चाहिए और कर्मचारियों के बच्चों की भर्ती होनी चाहिए जिसके लिए ये हर वर्ष करोङों का चंदा लेकर डकार रहे हैं। जिसका न तो कोई आडिट होता है और न तो कोई विजिलेंस जांच ही होती है।
चूंकि इन्ही के लोंगों द्धारा ठेका लिया जाता है। इन नेताओं के आधा दर्जन ऐसे पदाधिकारी हैं जो डियूटी तो करते नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रुप से कहीं न कहीं ठेकेदारी में संलग्न बताये जाते हैं। सूत्रों के अनुसार इन नेताओं एवं इनके गुर्गो की संपत्ति की जांच एवं आन रोस्टर डियूटी पांच वर्ष की जांच रेल कराये तो ये सब बेनकाब होंगे और इनका सेवा पुस्तिका रंगी हुई मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ मंडल में सबसे तेज तर्रार मंडल रेल प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक के के रोरा, सी डीसीएम जैसे तेज तर्रार अधिकारियों ने तथा कथित नेताओं पर लगाम कसना शुरु किया है।
ज्ञात हो कि ये वही नेता है जिसने कुख्यात घोटालेबाज लोको निरीक्षक भगवान सिंह मीणा एंड कंपनी को बचाने का पुरी तरह सक्रिय रहा।