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28 साल पहले गंगा नदी में डूब गए थे दिनेश! अब योगी बन कर लौटे गांव तो परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा

रामगढ़. आप ही सोचिए जो व्यक्ति 28 साल पहले गंगा नदी में डूब गया हो, परिजनों ने भी उसके जीवित होने की उम्मीद छोड़ दी हो और अचानक अगर वह शख्स सालों बाद अपने परिवार वालों के सामने जा जाए तो उनको लिए वह क्षण कैसा होगा? निश्चित तौर पर परिजन वर्षों बाद लौटे व्यक्ति को देखकर हैरान जरूर हो जाएंगे. दरअसल एक ऐसा ही अनोखा मामला झारखंड के रामगढ़ जिले से सामने आया है जहां 28 वर्ष पूर्व रैली में शामिल होने पटना गए पतरातू के कटिया निवासी दिनेश महतो गंगा नदी में डूब गए थे. लेकिन, अब दिनेश दशकों बाद योगी के वेश में अपने गांव कटिया पहुंच गए.

बताया जाता है कि जैसे ही दिनेश अपने गांव पहुंचे तो परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें पहचान लिया. दिनेश को सामने देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वहां मौजूद सभी लोग हैरान हो गए. दरअसल कटिया बस्ती निवासी दिनेश महतो वर्ष 1994 में रैली में शामिल होने गांव के लोगों के साथ बिहार की राजधानी पटना गये थे. उस वक़्त उनकी उम्र 14 वर्ष थी. उसी दौरान गंगा में स्नान के बाद नाव से सवारी के दौरान उनकी नाव गंगा नदी में पलट गई थी.

मछुआरों ने बचाई थी दिनेश की जान

कटिया पंचायत के मुखिया किशोर महतो के अनुसार उसी दौरान गंगा में स्नान के बाद नाव से सवारी के दौरान उनकी नाव गंगा नदी में पलट गई थी. कटिया गांव के कई लोग जैसे -तैसे नदी में तैर कर निकलने में सफल रहे थे. लेकिन दिनेश का पता नहीं चल पाया था. उसके डूब जाने की खबर पूरे गांव में फैल गई थी. कटिया लोग उसे मरा हुआ समझ चुके थे. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दिनेश गंगा में बह कर आगे निकल गए जिन्हें मछुआरों ने देख लिया और उसे बचा लिया. इसके बाद दिनेश यूपी के गोरखपुर में साधु संतों की संगत में रहकर योगी बन गए.

अब गांव में नहीं रहना चाहते हैं दिनेश

गांव लौटने के बाद भी दिनेश अब यहां नहीं रहना चाहते हैं. उनके माता-पिता अब इस दुनिया में नही हैं. उनका कहना है कि उसकी दुनिया अब अलग हो गई है. अपनी पीड़ा को वह गीतों और सारंगी के धुन के माध्यम से वर्णन कर बताते हैं. इस बारे में कटिया पंचायत के मुखिया किशोर महतो ने बताया कि दिनेश हमारे गांव के ही हैं. हम लोग उन्हें पहचान चुके हैं. लेकिन वह अब गांव में नहीं रहना चाहते हैं. हालांकि ग्रामीण और उनके परिजन उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं. लेकिन, दिनेश अपने योगी के स्वरूप को धारण करके ही आगे का जीवन बिताना चाहते हैं.

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