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मंत्रोचार के बीच विधि विधान से संपन्न हुआ सरस्वती पूजन का कार्यक्रम

टाडा(अम्बेडकरनगर) : विवेकानंद शिशु कुन्ज सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल एनटीपीसी टाण्डा में बड़े ही बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि विधान से संपन्न हुआ कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइन का पालन किया गया। जिसमें नौनिहाल बच्चों का विद्यारम्भ एवं पाटी पूजन का कार्य भी संपन्न हुआ।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीमान डा० बृजेन्द्र कुमार मिश्र ने बसंत पंचमी के पर्व पर प्रकाश डाला श्री मिश्र ने कहाकि जो छह ऋतुएं में होती हैउनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा ऋतु है। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का फूल मानो सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। तो समझिये बसंत ऋतु का आगमन हो गया।इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य, अभिभावक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।


टांडा(अम्बेडकरनगर) : बसंत पंचमी के दिन रेड़ पेड़ गाड़कर पूजा करके होलिका दहन की तैयारी की जाती है। इसी क्रम में टांडा के आदर्श चौराहा चौक नेहरू नगर अलीगंज खासपुर समेत 3 दर्जन स्थानों पर होलिका दहन स्थल पर रेड़ के पेड़ गाड़े गए। वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि विधान से पूजन हुआ ।

कई स्थानो पर नगाड़ा की धुन और फाग गीत गाये गये  पुरानी बस्ती के योगेश कुमार बताते हैं कि बसंत पंचमी से फाग गीतों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है और गली-मोहल्लों में नगाड़े की धुन सुनाई देने लगती है फाल्गुन माह में तो फाग का उत्साह चरम पर होता था। अमीर हो या गरीब-मजदूर तबके के लोग, सभी शाम को नगाड़ा बजाने व फाग गाने में मस्त हो जाते है। । अब मजदूर वर्ग के लोग भी टीवी-मोबाइल में टाइम पास करने लगे हैं और फाग गीत बहुत कम लोगों को याद है।

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